नई दिल्ली/ जयपुर : सुप्रीम कोर्ट ने गलता पीठ के स्वामित्व और महंत पद पर नियुक्ति से जुडे मामले में हाईकोर्ट की ओर से दिए अंतरिम आदेश में दखल से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को गलता पीठ का प्रबंधन और देखभाल का काम जारी रखने को कहा है। जस्टिस अभय एस.ओका व एजी मसीह की खंडपीठ ने यह आदेश अवधेशाचार्य की विशेष अनुमति याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दिए।
एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अपील के लंबित रहने के दौरान ठिकाना गलता जी और उससे जुडी हुई संपत्तियों का प्रबंधन व देखभाल देवस्थान विभाग को करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट किया था कि गलता पीठ की संपत्तियां अपीलार्थी के हाथों में ना रखकर देवस्थान विभाग के पास ही सुरक्षित रखी जाए और सार्वजनिक ट्रस्ट का प्रबंधन भी देवस्थान विभाग के जरिए ही हो। अवधेशाचार्य की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके जवाब में राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि देवस्थान विभाग ने ठिकाना गलता के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल ली है और सभी धार्मिक गतिविधियों का प्रबंधन व देखभाल सही तरीके से कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल से इनकार किया तो याचिकाकर्ता की ओर से एसएलपी को वापस ले लिया।