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India Ground Report

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें जय शंकर प्रसाद की कविता क्या कहती हो ठहरो नारी

क्या कहती हो ठहरो नारीसंकल्प अश्रु-जल-से-अपनेतुम दान कर चुकी पहले हीजीवन के सोने-से सपनेनारी! तुम केवल श्रद्धा होविश्वास-रजत-नग पगतल मेंपीयूष-स्रोत-सी बहा करोजीवन के सुंदर...

सरगोशियां : नारी की पीड़ा

नारी शब्द आते ही सबसे पहले नजरों के सामने एक ऐसा चहरा उभर जाता है जिसका वर्णन किया ही नहीं जा सकता। एक कोमल...

सरगोशियां : युद्ध घोष

मुझे आज वे अपने दोस्त मासूम लग रहे हैं जो कहते थे कि दुनिया में अब युद्ध नहीं होगा, क्योंकि देशों के व्यापारिक हित...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें -धर्मवीर भारती की कविता ठंडा लोहा

ये फूल, मोमबत्तियाँ और टूटे सपनेये पागल क्षण, यह कामकाज, दफ़्तर - फ़ाइलउचटा - सा जी, भत्ता -वेतनये सब सच हैं. इनमें से रत्तीभर न...

Kalyan : इंटरकॉलेजिएट प्रतियोगिता में एसएसटी के छात्रों ने जीता स्वर्ण पदक

सचिन सागरेकल्याण (MAHARASHTRA NEWS) : (KALYAN) स्वतंत्रता दिवस अमृत उत्सव (Independence Day Amrit Utsav) के अवसर पर ठाकुर कॉलेज, कांदिवली द्वारा आयोजित अंतर-कॉलेजिएट...

सरगोशियां : ग़रीबों का मोहल्ला

ग़रीबों का मोहल्ला है। बड़ी ख्वाहिशें इधर नहीं दिखती कि गलियां बहुत संकड़ी हैं। उनके आने के लिए रास्तों की हैसियत छोटी है। रोज़...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें सुभाष राय की कविता मैं कहानियां सुनना चाहता हूँ

मैं कहानियां सुनना चाहता हूँउनमें आने वाले जंगलों में भटकना चाहता हूँउनमें खो जाना चाहता हूँमैं कहना चाहता हूँ कि कोईमुझे ढूंढने न आये मैं...

सरगोशियां : बांस की ‘विरह-व्यंजना’…सुन रहे हो न!

कल तक वृक्ष का श्रृंगार रहे पत्ते, उसके ही तले अजनबी हैं। बेपरवाह वृक्ष, नई कोपलों के प्रेम में उन्मत्त हैं। उन्हें पोसने को...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें मालिनी गौतम की कविता कुछ तो था

उनके मध्य प्रेम न थाअब नहीं था तो नहीं थालेकिन कुछ तो थाजिसने बाँधे रखा उन्हें जीवन भर। उनके दुःख साझा न थेलेकिन कुछ तो...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें अनुराग अनंत की कविता न सुने जाने की बेचैनी

कह न सकने में एक संतोष हैकि कह नहीं सकेभाषा हमेशा से अक्षम रही हैभाषा की अक्षमता के सिर एक अपराध और सही भोगे हुए...

motivational story: धैर्य से सफलता का आगमन होता है

एक बार की बात है। एक गुरुदेव और उनके चार शिष्य एक आश्रम की ओर जा रहे थे। वह गांव के रास्ते से होकर...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें अरुण लाल की कविता वेलेंटाइन डे के बाद

सुनो मैं तुम्हें प्रेम करता हूँइसलिये नहीं कि तुम्हें प्रेम के काबिल पाता हूंबल्कि इसलिए कि तुम्हें सोचने भर सेमेरा मन प्रेम से भर...

प्रेरक प्रसंग : ज्ञान की सार्थकता

डॉक्टर अल्बर्ट श्‍वाइट्जर अमेर‍िका में अपना आश्रम बनवा रहे थे, जहां उनकी योजना अपना ज्ञान और अनुभव युवाओं में बांटने की थी। आश्रम के...

लघुकथा: दार्शनिक और मोची

एक दार्शनिक फटे जूते लेकर एक मोची की दुकान पर आया और मोची से बोला, "जरा इनकी मरम्मत तो कर दो।"मोची ने कहा, "अभी...