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Jaipur : बीकानेर के हाड़ला, बरसिंगसर में बजरी, सिलिका सेंड, बॉल क्ले के विपुल भण्डार

जयपुर : बीकानेर के हाड़ला बरसिंगसर के गैप एरिया में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले के विपुल भण्डारों को देखते हुए राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में नीलामी के लिए प्लॉट तैयार कर ऑक्शन की हरी झण्डी दे दी है।

खान सचिव माइंस आनन्दी ने बताया कि बीकानेर के हाडला बरसिंगसर का 272 वर्ग किलोमीटर और भाने का गांव, लौहिया आदि का 319 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को एक अधिसूचना जारी कर अनारक्षित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले के विपुल भण्डारों को देखते हुए अधिकारियों को जल्दी से जल्दी प्लॉट तैयार कर ऑक्शन की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि पूर्व में यह क्षेत्र आरक्षित होने के कारण प्लॉटों का आक्शन नहीं हो पा रहा था। इस क्षेत्र में प्लॉट तैयार कर ऑक्शन करने से क्षेत्र में अवैध खनन पर प्रभावी रोक लग सकेगी। इसके साथ ही बीकानेर, चूरु, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में बजरी की सहज उपलब्धता संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले के वैध खनन से सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी, रोजगार के नए अवसर, सेरेमिक उद्योग व उसमें रोजगार के अवसर और वैध बजरी की सहज उपलब्धता से बजरी के भावों में कमी आने से आमजन को बड़ी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में हरियाणा के आसपास के क्षेत्र तक बजरी व सिलिका सेंड आदि जाती है।

आनन्दी ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार हाडला में ही 600 हेक्टेयर में ऑक्शन के लिए प्लॉट तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि आरंभिक खोज के अनुसार हाड़ला बरसिंगसर के गैप एरिया के 258 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में दो मीटर की गहराई के बाद 5 से 7 मीटर तक बजरी और सिलिका सेंड के डिपोजिट्स उपलब्ध हैं वहीं 10 मीटर की गहराई में बॉल क्ले के डिपोजिट्स उपलब्ध होने के संकेत है। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार अकेले बॉल क्ले का ही 2.5 से 3 मिलियन टन डिपोजिट होने की संभावना है।

निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होने के साथ ही विभाग द्वारा प्लॉट तैयार करने का काम आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे आसपास के क्षेत्र में बजरी की उपलब्धता बढ़ने से आमनागरिकों और निर्माण सेक्टर को लाभ होगा। खनिज बॉल क्ले के खनन से क्षेत्र मेें सेरेमिक उद्योग के लिए कच्चे माल की सहज उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

डीएमजी कलाल ने बताया कि इससे सरकारी राजस्व बढ़ने के साथ ही अवैध खनन गतिविधियों के कारण होने वाली राजस्व में छीजत पर रोक और रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे।

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