देहरादून:(Dehradun) उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) के पटल पर आज (Tuesday) समान नागरिक संहिता विधेयक को रखा जाएगा। इसके अलावा राज्य चिह्नित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक- 2023 के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी प्रवर समिति की रिपोर्ट को भी सदन के पटल पर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024 विधेयक को पटल पर रखे जाने के बाद सदन के समक्ष विचार के लिए प्रस्ताव करेंगे। वहीं, विपक्ष प्रश्नकाल को नहीं चलाने पर आक्रोशित है। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से सरकार की मनमानी पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। ऐसे में यह देखना है कि विपक्ष समान नागरिक संहिता विधेयक पर किस तरह का अपना रुख अपनाता है।
विपक्ष इस विधेयक पर जल्दबाजी करने का आरोप लगा रहा है। कांग्रेस विधायकों का कहना है अभी तक इसका ड्राफ्ट पढ़ने को नहीं मिला है। सैकड़ों पेज के ड्राफ्ट को बिना अध्ययन के कैसे चर्चा की जा सकती है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि विपक्ष चर्चा में सकारात्मक रुख के साथ शामिल हो। विधेयक सभी धर्मों और पंथों के हित में है।
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड में लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति ने मुख्यमंत्री को चार खंडों और 740 पेज का यह ड्राफ्ट दो फरवरी को सौंपा था। चार फरवरी को कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट और इससे संबंधित विधेयक पर मुहर लगाई गई।