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ULHASNAGAR : उल्हासनगर धोखादायक इमारत मामला
15 दिन में रिपोर्ट देनी थी, 15 महीने हो गए।

उल्हासनगर : मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे द्वारा की घोषणाओं का अध्यादेश, नियमावली या प्रशासन को कोई सूचनाएं नहीं मिली है इसलिये कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है अब ऐसा कहा जा रहा है।

उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में सुधार सुझाव हेतु राज्य सरकार द्वारा समिती का गठन 27 जुलाई 2021 को हुआ था।
उक्त समिती द्वारा दिए अहवाल के अनुसार मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में अनेकों घोषणाएं कर दी।
परंतु अभीतक घोषणाओं का अध्यादेश, नियमावली या प्रशासन को कोई सूचनाएं नहीं मिली, इसलिये कार्य शुरू नहीं हो पा रहा और ना ही ये जानकारी सामने आयी है कि उक्त समिती द्वारा सरकार को क्या सुझाव दिए गए।
ज्ञात हो कि, उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में सुधार सुझाव हेतु राज्य सरकार द्वारा समिती का गठन हुआ।
उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का 2006 में पारित किये अधिनियम नुसार 1/1/2005 के पहले बने अनधिकृत निर्माणों को नियमित किया जा सकता है। उक्त अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिये तकलीफें आनेके कारण कुछ अनधिकृत निर्माणों के अलावा अन्य निर्माण नियमाधिन नहीं हो पाये है।
सभी उचित निर्माण अड़चनें दूर करते हुए नियमाधिन हो सकें इसलिए महाराष्ट्र राज्य सरकार की तरफ से समिती का गठन हुआ है।

महसुल विभाग अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनीं समिती में नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव 1 और 2 का समावेश है। सहकार आयुक्त पुणे, जिलाधिकारी ठाणे, जमाबंदी आयुक्त कोंकण, उल्हासनगर मानपा आयुक्त और 3 तज्ञ व्यक्तियों के साथ कुल 10 सदस्यीय समिती द्वारा उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में सुधार सुझाव दिए जायेंगे।
समिती द्वारा मुख्य कार्य ये होंगे
1) उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में निर्धारित प्रशमन शुल्क सन्दर्भ में अभ्यास करके सुझाव देना।
2) उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में नियमित हुये निर्माणों को नागरी पुनरुत्थान योजना, अर्बन रीनिवल स्कीम में समाविष्ट करना।
3) सरकारी और व्यक्तिगत ज़मीनों पर बने निर्माणों को नियमित करते समय उक्त ज़मीन का मालिकाना अधिकार इमारत के मकान मालिकों को मिल सके इसका अभ्यास करके सुझाव देना।
4) उल्हासनगर शहर के अनधिकृत निर्माणों का अभी जो अस्तित्व में है वो एफएसआई और पुनर्विकासक और निर्माण नियमित करने के लिये अनुकूल एफएसआई का अभ्यास करके सुझाव देना।
5) उक्त अधिनियम अंतर्गत नियमित हो रही इमारतो सोसायटी को डीम्ड कन्वेंस के लिये लगने वाले मुद्रांक शुल्क व जुर्माने के विषय मे अभ्यास करके सरकार को सुझाव देना।
6) उक्त समिती द्वारा 15 दिनमें अहवाल जमा करना है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय के आदेशानुसार गठित यह समिती द्वारा उल्हासनगर शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 के अंतर्गत नियमितीकरण प्रक्रिया सुचारू होने के लिये प्रयासरत रहना है
शहर के अनधिकृत विकासकामों को नियमाधिन करने का अधिनियम 2006 में सुधार सुझाव हेतु राज्य सरकार द्वारा समिती का गठन हुआ था, 27 जुलाई 2021 को राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार आदेश निकला थ।, उक्त समिती द्वारा 15 दिनमें अहवाल जमा करना था और
आज पूरे 15 महीने हो गए।
शायद हम लोग कोई इमारत गिरने के बाद ही यह चर्चा करते है, ये प्रशासन को भी पता है,इसलिए हर बात में देरी होती है और उल्हासनगर धोखादायक इमारतों का गिरने का सिलसिला चालू है और लोगो की मोते हो रही है लेकिन इस पर अभी तक कोई सुनवाई नही हो रही है कि इसका आखिर हल क्या है।

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