पकड़े जाने वाले उमनपा में कर्मचारियों को आगे चलकर मिलता है प्रमोशन
उल्हासनगर : ठाणे जिला एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 20 हजार की रिश्वत लेते हुए उमनपा के सहायक आयुक्त बीट मुकादम सहित तीन लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस घटना से उल्हासनगर मनपा में हड़कंप मचा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार प्रभाग समिति 1 के अंतर्गत अनिल करोतिया नाम का आदमी ठेके पर एक घर बना रहा था, उसको बीट मुकादम प्रकाश संकत ने दो बार तोड़ दिया। फिर इस मामले में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए अनिल करोतिया ने बीट मुकादम प्रकाश प्रकाश से मुलाकात की । प्रकाश ने अनिल से 50,000 रुपए की मांग की। बाद में यह मामला 20,000 में तय हुआ। सोमवार के दिन दोपहर में एसीबी के अधिकारियों ने अपना जाल बिछा दिया और जैसे ही प्रकाश संकत ने 20,000 लिया, वैसे ही एसीबी के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। साथ में कार चालक भी पकड़ा गया, जिसको पैसा रखने के लिए दिया था। प्रकाश संकत को पैसे के लिए प्रभाग अधिकारी अजीत गोवारी प्रोत्साहन दे रहे थे और इसमें प्रभाग समिति के सभी लोगों का हिस्सा था। इसलिए अजीत गोवारी को भी एसीबी के अधिकारियों ने पकड़ लिया।
प्रभाग समिति 1 के सहायक आयुक्त अजीत गोवारी, प्रभारी बीट मुकादम प्रकाश संकत, प्रदीप के खिलाफ एसीबी के अधिकारियों ने मामला दर्ज किया है। उल्हासनगर महानगरपालिका की खास बात यह है कि यहां पर दर्जनों लोग एसीबी में पकड़े गए हैं, लेकिन वह बाद में छूट जाते हैं। मनपा द्वारा उनको कुछ दिनों के लिए सस्पेंड किया जाता है और बाद में उनको ड्यूटी पर वापस ले लिया जाता है और फिर कुछ दिनों के बाद उनको प्रमोशन देकर कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। ऐसे पकड़े गए कई अधिकारी उल्हासनगर महानगर पालिका में उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं, हालांकि पकड़े गए सहायक आयुक्त सहित सभी आरोपियों को बचाने के लिए भ्रष्ट लोग जुट गए हैं ताकि इन की जमानत हो जाए।
इन्हीं रिश्वतखोर की वजह से उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र में सैकड़ों अवैध निर्माण चल रहे हैं और उन पर सहायक आयुक्त और कोई बीट मुकादम कार्रवाई नहीं करते हैं, सिर्फ पैसा वसूली के लिए कार्रवाई करते हैं और जब पैसा मिल जाता है तो वहीं अवैध निर्माण फिर बनकर खड़ा हो जाता है। उल्हासनगर में यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। एसीबी में पकड़े जाने के बाद उल्हासनगर मनपा में पदोन्नति देखकर अतिरिक्त चार्ज दिया जाता है और फिर वही अधिकारी पूरे शहर में रिश्वतखोरी का काम जमकर शुरू कर देते हैं।