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New Delhi : अशोक गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

तीस अक्टूबर को सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से वकील आरोही मिक्किलिनेनी और गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने दलीलें रखी थीं। इसके पहले 16 सितंबर को अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि गजेंद्र सिंह का कहना है कि मानहानि का मामला इसलिए बनता है, क्योंकि शेखावत का नाम एफआईआर में नहीं है। शेखावत का नाम चार्जशीट में भी नहीं था। गहलोत का बयान राज्य के गृहमंत्री के रूप में दिया गया था। जो बयान गहलोत द्वारा सदन में दिया गया था वह राज्य के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (Special Operation Group) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक था। ऐसे में गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला नहीं बनता है। इस पर गजेंद्र सिंह की ओर से पेश वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि केस डायरी से छेड़छाड़ की गई थी।

सेशंस कोर्ट ने एक अगस्त को गहलोत के खिलाफ जारी समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए गहलोत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की अनुमति दी थी। छह जुलाई को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर अशोक गहलोत को समन जारी किया था। कोर्ट ने गहलोत को 7 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के इसी आदेश को गहलोत ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है।

दिल्ली पुलिस ने 25 मई को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट दाखिल की थी। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपित नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए। याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।

याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है। गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य जमाकर्ता है।

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