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Jaipur : पश्चिम विक्षोभ में मानसून की नमी मिलने से पूर्वी राजस्थान में बारिश

जयपुर : दक्षिण के बाद अब पूर्वी राजस्थान में प्री मानसूनी गतिविधियां असर देखने को मिला है। इसी के तहत गुरुवार को जयपुर सहित करीब दस शहरों में बारिश दर्ज की गई। आंधी-बारिश की गतिविधियां बढ़ने से प्रदेश के पारे में गिरावट आने लगी है। हालांकि बंगाल की खाड़ी में तंत्र नहीं बनने से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है, वहीं पूर्वोतर भारत से मानसून आगे बढ़ने लगा है। गुरुवार को श्रीगंगानगर में सबसे ज्यादा एक इंच बारिश दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को श्रीगंगानगर के अलावा जयपुर, सीकर, चूरू, चित्तौड़गढ़, बारां, संगरियां, करौली सहित कुछ अन्य स्थानों पर आंधी के साथ बारिश हुई। सीकर में 18, जयपुर में 17.6 और चित्तौडगढ़ में 10.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बुधवार को राज्य के कुछ भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान राज्य में जयपुर तथा जोधपुर संभाग में कहीं-कहीं पर उष्ण रात दर्ज की गई है। बुधवार को कांमा में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। गुरुवार 42.7 डिग्री के साथ पिलानी का दिन और 33 डिग्री के साथ फतेहपुर की रात सबसे गर्म रही। प्रदेश में गुरुवार को 15 शहरों का दिन का पारा 40 पार तो वहीं बुधवार को 12 शहरों का रात का पारा 30 पार दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बीकानेर, जयपुर, भरतपुर व कोटा संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन, आंधी और कहीं-कहीं हल्की-मध्यम बारिश दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान के उदयपुर, कोटा संभाग के कुछ भागों में 24 जून से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। आगामी 48 घंटों में अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट होने तथा राज्य में कहीं-कहीं उष्ण रात्रि दर्ज होने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान के उदयपुर, कोटा, भरतपुर संभाग के कुछ भागों में 23-24 जून से तथा जयपुर संभाग के कुछ भागों में 25-26 जून से आांधी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। प्रथम सप्ताह के दौरान पूर्वी राजस्थान में सामान्य तथा पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

पश्चिम विक्षोभ और मानसून की नमी के मिलने से बरसे मेघ

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि फिलहाल पूर्वी राजस्थान में प्री मानसून नहीं आया है। गुरुवार के साथ आगामी दिनों में होने वाली बारिश पश्चिम विक्षोभ और मानसून की नमी के मिलने से हुई है। पूर्वोत्तर भारत से मानसून आगे बढ़ने लगा है। इससे प्रदेश के वातावरण में नमी बढ़ने लगी है। यह अच्छा संकेत है। प्री मानसूनी गतिविधियां 24 जून से पूर्वी राजस्थान में देखने को मिलेगी। 26 से 28 जून के बीच राजस्थान में उदयपुर-कोटा संभाग से मानसून का प्रवेश हो सकता है। जून के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

पहली ही बारिश ने खोली ड्रेनेज व्यवस्था की पोल, सड़कों पर भरा पानी

गुरुवार को जयपुर में पश्चिम विक्षोभ के असर से जोरदार बारिश हुई। पहली तेज बारिश ने जयपुर की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। सांगानेर, मानसरोवर, जगतपुरा सहित कुछ अन्य स्थानों पर सड़कें दरिया बनी नजर आई। सड़कों पर पानी भर गया। इसके चलते वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान कुछ स्थानों पर पानी भरने से वाहन बंद हो गए। मानसरोवर में जेडीए ने सड़के खोद रखी है। बारिश के चलते पानी भरने से मिट्टी धंस गई। इससे कुछ स्थानों पर वाहन फंस गए। लम्बे समय से उमस और गर्मी झेल रहे राजधानी के लोगों को बारिश ने राहत प्रदान की है।

आंधी के साथ जयपुर में आधा इंच से ज्यादा बारिश, पारा गिरा, शुक्रवार को भी बारिश संभव

जयपुर में गुरुवार को आंधी के साथ तेज बारिश हुई। जयपुर में सुबह हल्के बादल नजर आए। 11 बजे अचानक मौसम बदला और काले घने बादल छाने के साथ तेज हवाएं चलने लगी। पौने बारह बजे से शहर के अलग-अलग हिस्से में बारिश का दौर शुरू हो गया जो कि शाम करीब पांच बजे तक चलता रहा। जयपुर में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। इससे राजधानी के पारे में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में 17.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जयपुर के दिन के पारे में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। जयपुर का अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम तापमान 32.6 डिग्री दर्ज किया गया। बारिश का आनंद लेने के लिए लोग सड़कों के साथ छतों पर निकल आए।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जयपुर के वातावरण में लगातार नमी बढ़ रही थी। पश्चिम विक्षोभ और नमी के मिलने से एक बड़े क्षेत्र में बारिश हुई है। जयपुर में शुक्रवार को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

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