एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को कश्मीरी बादाम, अंजीर और अन्य कश्मीरी व्यंजन भी परोसे जाएंगे
जम्मू : (Jammu) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों आज कटरा से श्रीनगर के लिए दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाए जाने के साथ ही दशकों का सपना सच हो गया है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेल कनेक्टिविटी हो हो गई है। अब यात्री ट्रेन से वादियों और पहाड़ों का दीदार करते हुए श्रीनगर तक पहुंचेंगे। ट्रेन में एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को कश्मीरी बादाम, अंजीर और अन्य कश्मीरी व्यंजन भी परोसे जाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जम्मू से श्रीनगर तक सीधा रेल सफर सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा। जम्मू रेलवे स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म बनाने का काम पूरा होने के साथ ही सीधे जम्मू से श्रीनगर के लिए रेलगाड़ी चलेगी। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) स्टेशन से रवाना होगी। उधमपुर-बनिहाल-श्रीनगर रेल खंड पर इन दोनों ट्रेनों का कमर्शियल संचालन सात जून से शुरू होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों ट्रेनों में एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बे लगाए गए हैं।
रेलवे ने सभी शुल्कों सहित श्रीनगर से कटड़ा के बीच चेयर कार का किराया 715 रुपये निर्धारित किया है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपये निर्धारित किया गया है। दोनों नई वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल चार वंदे भारत ट्रेनें चलने लगेंगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में दो वंदे भारत ट्रेनें नई दिल्ली से कटड़ा के बीच चल रही हैं। कश्मीर तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का कई स्टेशनों पर ठहराव होगा। इनमें दिल्ली, अंबाला छावनी, लुधियाना जंक्शन, पठानकोट छावनी, जम्मू तवी, श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) यात्रियों के ट्रांसशिपमेंट के बाद, रियासी बनिहाल कांजीगुंड, अनंतनाग और श्रीनगर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
जिला रिसासी के कौड़ी बक्कल क्षेत्र में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे के आर्च पुल के पास तीन मंजिला संग्रहालय भी बनाया गया है।इसके दो मंजिल में रेलवे परियोजना की चुनौतियों और इंजीनियरिंग की बेजोड़ मिसाल देखने को मिलेगी, जबकि तीसरी मंजिल पर व्यू प्वाइंट के साथ ही रेस्तरां की सुविधा भी होगी। यहां से पर्यटक खाने-पीने का आनंद उठाने के साथ ही इस पुल से गुजरते समय आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। संग्रहालय में पर्यटकों को कश्मीरी कला और कारीगरी की हैरान कर देने वाली बारीकियां और नमूने देखने को मिलेंगे। हाथों से लकड़ी पर उकेरी गई आकर्षक आकृतियों में देवदार और अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा कश्मीर के डल झील की हाउस बोट जैसे डिजाइन भी इस संग्रहालय की शान बढ़ाएंगे।
रेलवे के अनुसार पर्यटक जब इस संग्रहालय में आएंगे, तो यहां प्रदर्शित मॉडलों से वह जान सकेंगे कि इस परियोजना में कितनी विपरीत परिस्थितियां तथा चुनौतियां आईं और उनसे पार पाने में कैसे-कैसे इंजीनियरिंग के चमत्कार हुए। चिनाब और घाटी की गहराई से आकाश जैसी ऊंचाई तक इंजीनियरों ने विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल बना दिया। इसकी तस्वीरें और आंकड़े भी पर्यटकों को इस संग्रहालय में देखने को मिलेंगे। अंजी नदी पर बने देश के पहले केबल स्टे पुल के निर्माण में आई चुनौतियां और निर्माण के बाद उसकी मजबूती तथा अन्य विशेषताएं भी पर्यटक जान सकेंगे।