देहरादून : अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल्द से जल्द बालश्रम, भिक्षावृत्ति और बाल विवाह समाप्त करने के लिए ठोस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बालश्रम व भिक्षावृत्ति से मुक्त हुए बच्चों का संस्थागत पुनर्वास के स्थान पर अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए।
मंगलवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव समाज कल्याण, सचिव विद्यालयी शिक्षा, सचिव श्रम, पुलिस अधिकारियों, राज्य में बाल संरक्षण एवं कल्याण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान राज्य में बालश्रम, भिक्षावृत्ति एवं बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाने को लेकर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कमजोर परिवारों को चिन्हित किया जाना जरूरी है, जिनकी खराब आर्थिक स्थिति के कारण बच्चे बालश्रम व भिक्षावृत्ति की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे चिन्हित परिवारों को सरकार की ओर से संचालित सभी सामाजिक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों, स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों, आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस भी जल्द ही तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान राज्य में बालश्रम, भिक्षावृत्ति एवं बाल विवाह को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा की गई। इस कमेटी में बाल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके साथ ही बैठक में भिक्षावृत्ति में लिप्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूलों व मोबाइल स्कूलों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया गया।