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PRAYAGRAJ : संगमनगरी में बाढ़ः फिलहाल के लिए ठहर गई गंगा-यमुना की रफ्तार

सोमवार सुबह से फाफामऊ, छतनाग और नैनी में थमा हुआ है जलस्तर

आलोक गुप्ता
प्रयागराज : गंगा-यमुना की रफ्तार फिलहाल के लिए थम गई है। सोमवार को सुबह दस बजे जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक सुबह आठ बजे के बाद से जलस्तर में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। इसके बाद दोपहर बारह बजे जारी हुई रिपोर्ट में भी जलस्तर थमा हुआ है। सुबह दस बजे की ही तरह 12 बजे फाफामऊ में जलस्तर 85.93 मीटर पर थमा हुआ है। इसी तरह छतनाग (गंगा) का जलस्तर 85.03 मीटर पर और नैनी (यमुना) में 85.86 मीटर पर जलस्तर रुक गया है। कुल मिलाकर आज जलस्तर में कोई इजाफा नहीं हुआ।
जबकि रविवार सुबह आठ बजे से रात बजे तक फाफामऊ (गंगा) में एक सेमी प्रति घंटा और नैनी (यमुना) में 1.5 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा था। फाफामऊ में जलस्तर खतरे के निशान से 1.2 मीटर, छतनाग में 35 सेंटीमीटर और नैनी में 1.13 मीटर ऊपर है। तीनों स्थानों पर खतरे का निशान 84.734 मीटर पर है। तीनों स्थानों की बात करें तो यहां पर औसतन 88 सेंटीमीटर पानी खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दुश्वारियां बनी हुई हैं। लोग को भीड़ राहत शिविरों में बढ़ती जा रही है।


शहरी क्षेत्र के छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, दारागंज, तेलियरगंज, मेंहदौरी, ऊंचवागढ़ी, नेवादा, अशोकनगर, कसारी-मसारी, नूरउल्ला रोड, राजापुर, रसूलाबाद, ककरहा घाट समेत तमाम मोहल्लों में बाढ़ का पानी रुका हुआ है। बाढ़ प्रभावितों को निकालने और उन तक मदद पहुंचाने केलिए 100 से अधिक नावों का संचालन किया जा रहा है।
जिला प्रशासन की तरफ से शहरी क्षेत्र में डेढ़ दर्जन राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है। इन शिविरों में 6500 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ के साथ-साथ कई अन्य टीमें लगातार काम कर रही हैं। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री समेत तमाम अधिकारी बाढ़ को लेकर की गई व्यवस्थाओं की मानीटरिंग और देखरेख में लगे हैं।
तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद बाढ़ की वजह से लोगों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ ग्रस्त मोहल्लों में रहने वाले लोगों को रोजमर्रा की चीजों के लिए दिक्कत उठानी पड़ रही है। दूसरी तरफ सिंचाई विभाग के मुताबिक अभी बांध से और पानी छोड़ा गया है। धौलपुर (राजस्थान) से 25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। चंबल नदी के सहारे यह पानी फिर से उत्तर प्रदेश में दाखिल होगा। इस वजह से यूपी के आगरा, इटावा के बाद प्रयागराज में एक बार फिर से जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। हालांकि सिंचाई विभाग धौलपुर से आ रहे 25 लाख क्यूसेक पानी कोलेकर काफी चिंतित है।

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