नई दिल्ली : (New Delhi) देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना आधार पर दो फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 43 लाख इकाइयों के पार पहुंच गई। यात्री वाहनों की कुल बिक्री में यूटिलिटी वाहनों की हिस्सेदारी 65 फीसदी रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 60 फीसदी थी।। इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 42,18,750 इकाई रही थी।
उद्योग निकाय सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Society of Indian Automobile Manufacturers) (सियाम) ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 11 फीसदी बढ़कर 27,97,229 इकाई पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 25,20,691 इकाई थी। इसकी तुलना में यात्री कारों की बिक्री में 13 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की 15,48,947 इकाई से घटकर 13,53,287 इकाई रह गई। सियाम ने कहा कि यात्री वाहन खंड ने भी वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक का सबसे अधिक 7.7 लाख इकाई का निर्यात दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में यह 15 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। निर्यात में वृद्धि देश में निर्मित होने वाले वैश्विक मॉडल की मांग से प्रेरित रही।
उद्योग निकाय के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री नौ फीसदी बढ़कर 1,96,07,332 इकाई रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1,79,74,365 इकाई थी। सियाम ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कुल वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री एक फीसदी फीसदी घटकर 9,56,671 इकाई रह गई है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 9,68,770 इकाई थी। हालांकि, इसी दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 6,94,801 इकाइयों की तुलना में सात फीसदी बढ़कर 7,41,420 इकाई पर पहुंच गई।
सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा (SIAM President Shailesh Chandra) ने कहा, ‘‘भारतीय मोटर वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपना स्थिर प्रदर्शन जारी रखा, जो अच्छी मांग, बुनियादी ढांचे में निवेश, सहायक सरकारी नीतियों और टिकाऊ परिवहन पर निरंतर जोर से प्रेरित रहा।’’ चंद्रा ने बताया कि अफ्रीका और पड़ोसी देशों जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात मांग जारी रहने की संभावना है, क्योंकि ‘मेड इन इंडिया’ वाहनों का चलन बढ़ रहा है।