Palghar : पालघर ज़िले में 100 बिस्तरों वाला ग्रामीण बहु-विशेषता अस्पताल की घोषणा

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जानकी फाउंडेशन और श्री चैतन्य हेल्थ एंड केयर ट्रस्ट का सहयोग
पालघर : (Palghar)
बोस्टन-स्थित परोपकारी दंपति श्री महेश नवानी और आशा नवानी (Janaki Foundation, led by Boston-based philanthropist couple Mr. Mahesh Navani and Asha Navani) के नेतृत्व में जनकी फाउंडेशन ने श्री चैतन्य हेल्थ एंड केयर ट्रस्ट के सहयोग से पालघर ज़िले के वाडा में 100 बिस्तरों वाले ग्रामीण बहु-विशेषता अस्पताल की स्थापना की घोषणा की है। इस सहयोग के सम्मान में नए अस्पताल व परिसर का नाम “भक्तिवेदांत हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, आशा नवानी मल्टी स्पेशलिटी रूरल हॉस्पिटल” (“Bhaktivedanta Hospital and Research Institute, Asha Navani Multi-Specialty Rural Hospital) रखा जाएगा।

यह अस्पताल वाडा, जव्हार, मोखाडा और विक्रमगढ़ ब्लॉक्स के लगभग 10 लाख ग्रामीण व आदिवासी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा केंद्र बनेगा। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की चुनौती को ध्यान में रखते हुए यहां महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। नवजात देखभाल से लेकर वृद्धावस्था चिकित्सा तक विभिन्न विभाग स्थापित किए जाएंगे, ताकि हर आयु वर्ग के मरीजों को समग्र उपचार मिल सके। जनकी फाउंडेशन के अनुसार यह परियोजना वंचित समुदायों तक गुणवत्ता-युक्त और करुणामय स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

नए अस्पताल का संचालन मीरा रोड स्थित 300 बिस्तरों वाले NABH-मान्यता प्राप्त भक्तिवेदांत हॉस्पिटल के मॉडल पर आधारित होगा, जिसे श्री चैतन्य हेल्थ एंड केयर ट्रस्ट सफलतापूर्वक संचालित करता है। ट्रस्ट बरसाना, वासई, वृंदावन, यूपी और वाडा सहित कई क्षेत्रों में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन कर रहा है।

यह अस्पताल जनकी फाउंडेशन द्वारा विकसित किए जा रहे 70 एकड़ के गोवर्धन इको विलेज (GEV–2) कैंपस का हिस्सा होगा, जिसमें एकीकृत वेलनेस सेंटर, माइंडफुल लीडरशिप स्कूल, इंग्लिश माध्यम स्कूल, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, असिस्टेड केयर लिविंग और हेलिपैड जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। अस्पताल के साथ कौशल विकास के माध्यम से स्थानीय आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण, मोबाइल मेडिकल वैन सेवा और समग्र स्वास्थ्य के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी व्यवस्था होगी। परियोजना का शिलान्यास समारोह 30 नवंबर 2025 को रखा गया है और संचालन अगले दो वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है।

महेश नवानी ने कहा कि मुंबई के निकट होने के बावजूद पालघर के आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचा अभी भी कमजोर है, और यह साझेदारी ग्रामीण समुदायों के लिए बड़ा परिवर्तन लाएगी। राधानाथ स्वामी और गोवर्धन इको विलेज के निदेशक गौरांग दास (Radhanath Swami and Govardhan Eco Village Director Gaurang Das) ने इस पहल को समग्र, करुणामय और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित बताया।

राज्य में ग्रामीण स्वास्थ्य विस्तार और डिजिटल स्वास्थ्य के लिए सरकार के प्रयासों को भी यह परियोजना मजबूती प्रदान करेगी।