नई दिल्ली: (New Delhi) सुप्रीम कोर्ट ने जबरन धर्मांतरण पर कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आज कल जनहित याचिकाएं एक उपकरण की तरह इस्तेमाल की जा रही हैं।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने बेंगलुरु के याचिकाकर्ता जेरोम एटो से पूछा कि ये कैसी याचिका है। आपने विधि आयोग को इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने और धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने की मांग की है। हमें इसमें आदेश क्यों देना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा कि जबरन नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति विशेष के साथ ऐसी कोई घटना हुई तो हम जरूर उसमें आदेश जारी कर सकते हैं लेकिन ऐसे कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं।