नयी दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजीव गांधी राष्ट्रीय शिशु सदन योजना के संचालन में हुईं कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस योजना में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्लयू) एक कार्यान्वयन एजेंसी थी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसकी जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ली है। इससे पहले इस मामले में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने योजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। केंद्र सरकार की यह योजना 2016 तक लागू थी।
भारतीय बाल कल्याण परिषद(आईसीसीडब्ल्यू) के अनुसार, 2015-16 में देश भर में 5,029 शिशु सदन काम कर रहे थे।
समिति के निष्कर्षों के आधार पर, उच्च न्यायालय ने केंद्र को यह देखने का निर्देश दिया था कि सीबीआई जैसी एजेंसी द्वारा जांच कराने की आवश्यकता है या नहीं।
योजना के सिलसिले में पता चला था कि आईसीसीडब्ल्यू को मिले धन को राज्य परिषदों को वितरित करने के तरीके में कई अनियमितताएं हुईं।
आरोप है कि शिशु सदनों की संख्या और उनमें नामांकित बच्चों की संख्या के बारे में जमीनी स्थिति जाने बिना धन वितरित किया गया था और अतिरिक्त धन की मांग की गई थी।