New Delhi : आदि वाणी ऐप की शुरुआत, पांच आदिवासी भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी में हो सकेगा अनुवाद

0
29

नई दिल्ली : (New Delhi) अब मुंडारी, संताली, पुई, गोंडी और भीली आदिवासी भाषा (Mundari, Santali, Pui, Gondi and Bhili tribal languages) का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद हो सकेगा। सोमवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय की पहल पर आदिवाणी ऐप की शुरुआत की गई। यह जनजातीय भाषाओं का अनुवाद करने में सक्षम है।

अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (Ambedkar International Center) में आयोजित कार्यक्रम में जनजाति मामलों के राज्यमंत्री दुर्गादास उइके भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस ऐप के जरिये आदिवासी भाषाएं डिजिटल और ग्लोबल होंगी। आदिवासी भाषाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। भविष्य में इसके जरिये लोगों तक जनोपयोगी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।

इसको बनाने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी रायपुर और बिट्स पिलानी (IIT Delhi, IIT Hyderabad, IIT Raipur and BITS Pilani) जैसे तकनीकी संस्थानों से मदद की। रांची, रायपुर, ओडिशा और मध्यप्रदेश के जनजातीय शोध संस्थानों ने भाषा और शब्दावलियों को उपलब्ध कराया है।

इस ऐप के जरिये टेक्स्ट, वॉइस या डॉक्यूमेंट को (upload text, voice or document) बस टाइप या अपलोड करना है। यह उसका अनुवाद तुरंत कर देता है। इसके जरिए आदिवासी भाषा का अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी में हो सकता है। फिलहाल ऐप के जरिये पांच आदिवासी भाषाओं को जोड़ा गया है। झारखंड से मुंडारी, ओडिशा से संताली और पुई, छत्तीसगढ़ की गोंडी और मध्यप्रदेश की भीली भाषा शामिल है। भविष्य में इसमें और भाषाओं को जोड़ा जा सकेगा। यह ऐप सिर्फ अनुवाद ही नहीं करता है, बल्कि शब्दकोश का भी काम करता है।