मुंबई : (Mumbai) जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय (Jain Muni Nilesh Chandra Vijay) ने शनिवार को मुंबई में कहा कि जैन समाज की ओर शांतिदूत जनकल्याण पार्टी बनाई जाएगी। इस पार्टी में चादर (मुसलिम समाज) और फादर (ईसाई समाज) के (Chadar (Muslim community) and Father (Christian community))अतिरिक्त सभी को शामिल किया जाएगा और पार्टी धर्म के लिए काम करेगी।
जैन मुनि नीलेश चंद्र शनिवार को मुंबई में आयोजित धर्मसभा के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। जैन मुनि के कहा कि जैन समाज देश को सर्वाधिक टैक्स अदा करते (Jain community pays the highest taxes in the country) हैं और शांतिप्रिय हैं। साथ ही जीवदया का प्रचार प्रसार भी करते हैं। महाराष्ट्र के मराठी लोग कबूतरों का विरोध नहीं कर रहे हैं। वे राजनीति के लिए कबूतर लाना चाहते (they want to bring pigeons into politics) हैं। नीलेश मुनि ने कहा कि अब हमारा भी एक संगठन होगा। हम नगर निगम चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगे। हमें कबूतरों की पार्टी चाहिए, शिवसेना में भी एक बाघ था। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का चुनाव चिन्ह कबूतर होगा। यह सिर्फ़ जैनियों की पार्टी नहीं है, यह गुजराती और मारवाडिय़ों की पार्टी है।
उन्होंने यह भी कहा कि चादर और फादर को छोडक़र सभी को हमारी जन कल्याण पार्टी में प्रवेश की अनुमति है। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र में सिर्फ बालासाहब ठाकरे और आनंद दिघे को शिवसेना में मानते हैं, लेकिन अब कोई महिला कबूतरों को लेकर अपप्रचार कर रही हैं। जैन मुनि ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह महिला कौन है। मैं एकनाथ शिंदे से कहता हूँ कि महिला को रोकें।
मुंबई में हुई धर्मसभा में जैन मुनि कैवल्य रत्न महाराज (Jain monk Kaivalya Ratna Maharaj) ने कहा कि कबूतरों के बारे में जिन डॉक्टरों में मनुष्यों के मरने की रिपोर्ट दी है, वह भ्रामक है। उन्होंने कहा कि कबूतरों से किसी को हानि होने की रंचमात्र संभावना नहीं है, जो डॉक्टर इस तरह की रिपोर्ट दे रहे हैं, वे महामूर्ख हैं। जैन मुनि ने यह भी कहा कि एक-दो लोग मर गए तो क्या होगा?, एक आम आदमी हर दिन मरता है, सरकार इसके बारे में नहीं सोचती। कबूतर शांतिप्रिय जानवर हैं। हमारा धर्म कहता है कि दूसरों के लिए मरना ठीक है।
उन्होंने कहा कि रावण के सामने जटायु पक्षी (Jatayu was a bird before Ravana) था। इसलिए, लोग तब से जानते हैं कि पक्षी कितने महत्वपूर्ण हैं। श्रीराम ने एक पक्षी के लिए इतना कुछ किया। इसलिए इस राम की भूमि में ऐसा नहीं होना चाहिए। कबूतरखानों को लेकर राजनीति चल रही है। धर्म सभा में जैन मुनि सुरेशजी महाराज ने कहा कि कबूतर एक जानवर है। अगर इसे मारा जाता है, तो यह शंकर को मारने जैसा है। समस्त सनातनी धर्म आपके साथ है। कबूतर और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, यह मेरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Devendra Fadnavis) से प्रार्थना है ।



