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Lucknow : संस्कृति और परंपरा को संजोए दिखी सीनियर सिटीजन की रामलीला

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग और मदर सेवा संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार को गोमतीनगर के ओपन एम्फी थियेटर में सीनियर सिटीजन की “रामलीला का मंचन” कार्यक्रम आयोजित किया गया।

भए प्रगट कृपाला दीन दयाला, कौशल्या हितकारी के प्रसंग को जब वरिष्ठजनों ने मंच पर प्रस्तुत किया तो राम के जयघोष से गूंज उठा। मंच पर प्रस्तुति वृद्धाश्रम में निवासरत वरिष्ठजनों ने दी। वरिष्ठजनों ने अपने अभिनय से रामायण के आदर्शों को जीवन में अपनाने पर बल दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म अभिनेता एवं रंगकर्मी डॉ. अनिल कुमार रस्तोगी रहे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके बाद विभागीय त्रैमासिक पत्रिका ‘कल्याणी’ का भी विमोचन किया गया। इस दौरान विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई, जिससे सभी योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने अपने विचार रखे।

विशिष्ट अतिथि असीम अरुण ने कहा कि योगी सरकार वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, सम्मान के लिए संकल्पित है। वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित करते हुए यह सांस्कृतिक कार्यक्रम रामलीला का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का सुअवसर मिला है।

प्रख्यात फिल्म अभिनेता एवं रंगकर्मी मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार रस्तोगी ने विभाग के कार्यक्रम पर प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों ने अपने-अपने पात्रों को अच्छे से निभाया। समाज के उत्थान के लिए इस तरह के कार्यक्रम का होना जरूरी है। इससे हमारी संस्कृति मजबूत होती है। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान वृद्धजनों को सम्माजनक जीवन देने और उनकी नैसर्गिक क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से रामलीला का मंचन किया गया। मदर सेवा संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान वृद्धाश्रम के वरिष्ठजनों ने प्रस्तुति दी।

महेश चन्द्र देवा, फिल्म अभिनेता एवं रंगकर्मी के निर्देशन में हुई रामलीला मंचन की शुरुआत श्रीराम जन्म से हुई। राम जन्म पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास मनाया गया। राजा दशरथ की तीन रानियों द्वारा चार पुत्रों के जन्म से बधाईयां गूंजी। मंच पर जन्म के बाद नामकरण, विश्वामित्र आगमन, ताड़का, सुबाहु मारीच वध लीला के भावपूर्ण दृश्य ने भी भाव विभोर कर दिया।

यह मंचन कुछ खास रहा। महज एक घंटे में हुई इस रामलीला में दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। वरिष्ठजनों ने मंचन से हमारी संस्कृति एवं आदर्शों के संरक्षण का संदेश दिया। मंचन के बाद प्रमाण पत्र बांटे गए।

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