कोलकाता:(Kolkata) पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) ने राज्य स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण का पुनर्गठन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर दुराचार के आरोपों की जांच करना है। इनमें हिरासत में मौत, गंभीर चोट या बलात्कार जैसे मामले शामिल हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
प्राधिकरण का नेतृत्व सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति असीम कुमार रॉय करेंगे। इस पैनल में गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त शामिल होंगे। बुधवार को जारी एक अधिसूचना में इन व्यवस्थाओं को औपचारिक रूप दिया गया।
अधिसूचना में कहा गया, “प्राधिकरण केवल पुलिस कर्मियों के गंभीर दुराचार के आरोपों को संज्ञान में लेगा और उनकी जांच करेगा, जिसमें हिरासत में मौत, गंभीर चोट या बलात्कार जैसी घटनाएं शामिल हैं।”
प्राधिकरण अपनी कार्यप्रणाली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के साथ परामर्श करके तैयार करेगा। यह राज्य को सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। प्राधिकरण की सिफारिशें आमतौर पर राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी होंगी। हालांकि, यदि राज्य सरकार किसी सिफारिश को स्वीकार करने में असमर्थ रहती है, तो उसका कारण लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। सदस्यों की नियुक्ति की अवधि तीन साल होगी।