जयपुर : एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे टिकट की दलाली को लेकर दर्ज प्रकरण को रफा दफा करने की एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आरपीएफ के तत्कालीन निरीक्षक कैलाश चंद और सिपाही जगवीर व सांवरमल मीणा को एक-एक साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर पन्द्रह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि सीकर के रानोली निवासी चिरंजीलाल शर्मा ने 25 जुलाई, 2007 को एसीबी, सीकर में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि वह एलआईसी एजेंट है और किस्त लेने जयपुर गया था। इस दौरान उसके और उसके भाई पर रेलवे टिकट की दलाली का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई। ऐसे में अपना पक्ष रखने आरपीएफ, रींगस गया। जहां केस रफा दफा करने की एवज में आरपीएफ निरीक्षक को पांच हजार रुपए की बात कही गई। इस दौरान सत्यापन के दौरान आरपीएफ निरीक्षक कैलाश चंद के कहने पर सिपाही जगवीर सिंह ने दो हजार रुपए लिए। वहीं बाद में ट्रेप कार्रवाई के दौरान कैलाश चंद के कहने पर सांवरमल ने तीन हजार रुपए लिए। इस पर एसीबी ने प्रकरण में तीनों अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।