Guwahati : समुद्री अर्थव्यवस्था, कृत्रिम मेधा में जवाबदेही व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहयोग जरूरी: कैग

गुवाहाटी : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश मुर्मू ने मंगलवार को समुद्री अर्थव्यवस्था और कृत्रिम मेधा (एआई) में जवाबदेही व्यवस्था को मजबूत और विकसित करने के लिए सहयोग की जरूरत बताई।

जी-20 में भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत, सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थान के समूह (साई20) की अध्यक्षता करते हुए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संबद्ध समूह (ईजी) के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित कर रहे हैं।

संवाददाताओं से बात करते हुए मुर्मू ने कहा कि प्रतिभागियों ने जून 2023 में निर्धारित साई20 शिखर सम्मेलन में समावेशी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख ‘संवाद’ के लिए परामर्श दिए।

उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों ने जून में गोवा में निर्धारित साई20 शिखर सम्मेलन में ‘संवाद’ के लिए बहुमूल्य विचार और सुझाव दिए।

मुर्मू ने समुद्री अर्थव्यवस्था और एआई के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विचार-विमर्श के दौरान मिली जानकारी की सराहना की। उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों में जवाबदेही ढांचे को मजबूत और विकसित करने के लिए सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है।

विभिन्न देशों और विश्व बैंक के 38 प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं।

कैग ने कहा कि इस बैठक में कई देश ऑनलाइन भाग लेना चाहते थे लेकिन बैठक के प्रारूप के कारण यह संभव नहीं हो सका।