पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत कैद व जुर्माने का प्रावधान
चंडीगढ़ : (Chandigarh) हरियाणा सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या की सही गोपनीय सूचना देने वालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक लाख रुपये तक का इनाम देने का ऐलान किया है। सरकार व प्रशासन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए उचित और कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पहली बार प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर 3 साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना किया जाता है। इसके उपरांत दोबारा जुर्म करने पर 5 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत पति/परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए पहले अपराध पर 50 हजार रुपये तक के जुर्माने के साथ 3 साल तक की कैद तथा इसके उपरांत अपराध करने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के सकारात्मक एवं जागरुकता प्रयासों के चलते हरियाणा के लोगों में लिंगभेद की सोच को लेकर अभूतपूर्व बदलाव आया है। अब प्रदेश में बेटे- बेटियों के बीच अंतर बहुत कम समझने लगे और इसके उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल रहे है। वर्तमान में राज्य की लड़कियों ने हर क्षेत्र मेें सफलता के द्वार खोले और न केवल अभिभावकों का नाम रोशन किया है, बल्कि प्रदेश में देश का नाम ऊंचा किया है। वर्तमान दौर में अधिकांश अभिभावक अपनी बेटियों का नाम लेकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करने लगे है। इसके बावजूद समाज में लिंगानुपात के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है।