Howrah : हावड़ा के उदयनारायणपुर में बाढ़ नियंत्रण के लिए ‘दामोदर’ नदी पर बन रहे 18 नए पक्के पुल

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हावड़ा : (Howrah) पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) ने हावड़ा जिले के उदयनारायणपुर ब्लॉक (floods in Udaynarayanpur block of Howrah district) में बाढ़ से बार-बार तबाह हो रहे संचार नेटवर्क को स्थायी समाधान देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। दामोदर नदी पर अब 18 पक्के पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जो हर वर्ष बाढ़ के दौरान ध्वस्त हो जाने वाले लकड़ी के पुराने पुलों की जगह लेंगे।

इस परियोजना पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जिसे राज्य सरकार के मेजर इरिगेशन एंड फ्लड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट (Major Irrigation and Flood Management Project) के तहत अंजाम दिया जा रहा है। इसमें विश्व बैंक और एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश बैंक की संयुक्त वित्तीय भागीदारी है। इस योजना का उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित जिलों में स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है, जिनमें हावड़ा भी शामिल है।

राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने बुधवार को बताया कि नवनिर्मित पुलों में से डिहिभूर्षुट के कालीतला पुल को लोहे से बनाया गया है, जिसे सिचाई विभाग ने ‘लो-कॉस्ट ब्रिज’ कहा है, जबकि शेष पुल कंक्रीट संरचना वाले हैं। जिन पंचायत क्षेत्रों में ये पुल बनाए जा रहे हैं, उनमें रामपुर–डिहिभूर्षुट–आसोंडा, कूर्ची शिबपुर, सिंटी, कानूपाट मंसूका, गढ़ भवानीपुर सोनातला जैसे स्थान प्रमुख हैं।

हर साल डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) द्वारा अतिरिक्त जल छोड़ने से ‘मजा दामोदर’ (‘Maja Damodar’) नदी में बाढ़ आ जाती थी। इस बाढ़ से पुराने लकड़ी के पुल बह जाते थे और इलाके का संपर्क पूरी तरह टूट जाता था। इसका असर सबसे ज़्यादा कृषि पर निर्भर ग्रामीणों पर पड़ता था, जिनकी फसल और उपज बाजार तक पहुंच ही नहीं पाती थी।

डिहिभूर्षुट, हनागोड़ा, कालीतला, बालिचक, कूर्ची पात्रपाड़ा, शिबपुर धर्मतला, सिंटी बामुनपाड़ा, गढ़ भवानीपुर बाजार, कानूपाट दक्षिण जैसे कई इलाकों के लोग इन लकड़ी के पुलों पर निर्भर थे।

उदयनारायणपुर के विधायक समीर पांजा ने इस परियोजना को लेकर कहा कि “लंबे समय से स्थानीय लोग पक्के पुलों की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने इस जनसमस्या को समझते हुए इसे प्राथमिकता दी और अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थायी समाधान मिल रहा है।”