चेन्नई : (Chennai) राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector Borne Disease Control Programme) के अनुसार, राज्य में चिकनगुनिया के 1,451 संदिग्ध मामलों में से जून तक 331 मामलों की पुष्टि हुई है जो पिछले पांच वर्षों में एक वर्ष में दर्ज किए गए मामलों की संख्या की तुलना में अब तक का सबसे अधिक है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले साल राज्य में चिकनगुनिया के 4,805 संदिग्ध मामलों में से 222 मामले सामने आए थे। सबसे अधिक मामले 2019 में आए थे, जब 623 संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए थे। 2020 में 224 मामले, 2021 में 153 मामले और 2022 में 181 मामले आए। इस वर्ष संदिग्ध मामलों की जांच में कमी आई है। आंकड़े बताते हैं कि 2022 में 4,365 नमूनों का परीक्षण किया गया, 2021 में 3,654 संदिग्ध नमूनों और 2020 में 1,461 मामलों का परीक्षण किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में राज्य में डेंगू और बुखार के मामलों की संख्या में वृद्धि होने के बावजूद चिकनगुनिया के मामलों में तेजी चिंता का विषय है। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जनता से अपील करते हुए आश्वस्त करते हुए कहा कि रोकथाम और नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं।
सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा के निदेशक डॉ टीएस सेल्वाविनायगम ने कहा , “चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि का कोई विशेष कारण नहीं हैं। फिलहाल,चिकनगुनिया से फैलने वाले बुखार की निगरानी और नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें आने वाले महीनों में मानसून और वेक्टर-घनत्व के कारण मामलों में वृद्धि की की आशंका है। लेकिन, इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है।”