मुंबई : ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के सदस्यों ने सोमवार को मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार परिषद में राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सेकुलर पार्टियों से अल्पसंख्यकों को आबादी लिहाज से प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। और बोर्ड ने राजनीतिक पैनल का गठन करते हुए इस पैनल के सदस्यों में मौलाना शमीम अख्तर नदवी, डॉ. नदीम उस्मानी, डॉ. अब्दुल कादिर सैयद, मौलाना साबित अली नक्शबंदी, मौलाना नियाजुद्दीन नदवी और औरंगाबाद से मुबीन सिद्दीकी को शामिल किया है। साथ ही अगले दो हफ्तों में महाराष्ट्र के अन्य जिलों से अधिक और गैर-राजनीतिक सहयोगियों को पैनल में जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव बोनाई होस्नी ने बताया कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में इंडिया अलायंस ने महाराष्ट्र की 48 सीटों पर किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया, इस तथ्य के बावजूद अल्पसंख्यकों ने उनके उम्मीदवारों का समर्थन किया जिस के सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं। अब राज्य में विधानसभा चुनाव जल्द होने की संभावना है, ऐसे में इंडिया अलायंस और अन्य सेकुलर दलों को आबादी के हिसाब से मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना चाहिए। जबकि महाराष्ट्र में मुसलमानों की जनसंख्या का अनुपात 11 प्रतिशत रहा है। इसलिए इस बार हम महाराष्ट्र के मतदाताओं को जगाएंगे और मुस्लिम आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व की मांग करेंगे।
बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता सलीम अलवारे ने कहा कि इस परिषद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों को पूरा प्रतिनिधित्व मिले। इसलिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कम से कम 30 सीटों पर मुसलमानों को उम्मीदवारी मिलनी चाहिए। उलेमा बोर्ड का किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं है, हम सिर्फ यह चाहते हैं कि राजनीति में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बढ़े। इस संबंध में हम जल्द ही सभी सेकुलर पार्टियों के अध्यक्ष और सचिव से मिलेंगे और उनके सामने लिखित रूप से अपनी मांग रखेंगे।
बोर्ड के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना नौशाद अहमद सिद्दीकी ने कहा कि अब सभी राजनीतिक दलों के पास विश्वसनीय, सक्रिय और अनुभवी मुस्लिम नेतृत्व है जो पूरी विश्वसनीयता के साथ विधानसभा चुनाव लड़ सकता है और सकारात्मक परिणाम भी सामने आ सकते हैं। मौलाना नियाजुद्दीन नदवी ने कहा कि हमारी आबादी के हिसाब से इंडिया अलायंस को उम्मीदवारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारी मुस्लिम महिलाओं ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सेकुलर पार्टियों पर टिकट के मुद्दे पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि मुसलमानों को महज वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मौलाना मुहम्मद शमीम अख्तर नदवी ने कहा कि हमारी मांग है कि इस बार मुसलमानों को अधिक से अधिक उम्मीदवारी देनी चाहिए।