Banda : जेल में मुख्तार अंसारी को अलग से नहीं दी जाएगी कोई सुरक्षा व्यवस्था : मंत्री

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बांदा: (Banda) कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा की चित्रकूट मंडल के कारागार में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को किसी तरह की अलग से सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जाएगी। बांदा जेल में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा बैरकों में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से 24 घंटे लखनऊ से निगरानी की जा रही है। इसलिए अलग से कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी।

प्रदेश के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बुधवार को बांदा जेल में बंदियों के साथ योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह बातें कही। पत्रकारों ने सवाल किया कि प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद मुख्तार अंसारी को भी अपनी मौत का डर सता रहा है। क्या उसकी सुरक्षा बढ़ाई जाएगी ? इसके जवाब में कारागार मंत्री ने कहा जेल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं।

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि योगाभ्यास के दौरान बंदियों से मैंने संवाद किया और उन्हें एहसास कराया कि उनके जेल में रहने के बाद उनके परिवार की स्थिति क्या है। क्या उनके रिश्तेदार नातेदार उनके परिवार की मदद करते हैं। इस पर कैदियों ने जवाब दिया कि उनके परिवार की कोई मदद नहीं करता है। इस पर मैंने कहा कि यह सब तुम्हारी गलतियों के कारण हुआ है। बाद में कैदियों ने संकल्प लिया कि जेल से छूटने के बाद अब दोबारा इस तरह की कोई गलती नहीं करेंगे।

मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि हमारे संवाद कार्यक्रम का लक्ष्य कैदियों के जीवन में परिवर्तन लाना है। अगर हमारे संवाद से 10 से 20 प्रतिशत कैदी भी अपने जीवन में परिवर्तन लाए तो यह बड़ी बात होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में कौशल विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस समय जेल में 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की संख्या काफी है। कौशल विकास के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। जेल से छूटने के बाद प्रशिक्षित कैदी स्वरोजगार करेंगे। इससे वह अपराध नहीं करेंगे।

एक सवाल के जवाब में मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जिन कैदियों की सजा पूरी हो चुकी है और जिनकी पैरवी कोई नहीं कर रहा, फिर भी वह जेल में बंद थे, ऐसे बंदियों को चिन्हित किया गया है। मेरे मंत्री बनने के बाद चिन्हित कराए गए 136 बंदियों को तत्काल रिहा करा दिया था। तब से लगातार यह मुहिम जारी है। अब तक करीब 17000 बंदियों को रिहा किया जा चुका है। इतनी बड़ी संख्या में पहली बार कैदियों को छोड़ा गया है। इन्हें दया याचिका के आधार पर मुक्त किया गया है।