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​Year-end review : रक्षा मंत्री ने 2024 में मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को अगले स्तर पर पहुंचाया

रक्षा राज्यमंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव ने भी किये विदेश दौरे
नई दिल्ली : (New Delhi)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh), रक्षा राज्यमंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से 2024 में मित्र देशों के दौरे किए। रक्षा मंत्री ने इस साल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, लाओस, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, जापान, सिंगापुर, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया के दौरे में अपने समकक्षों से मुलाकात की। रक्षा मंत्रालय ने अपने मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को सैन्य अभ्यासों के माध्यम से भी अगले स्तर पर पहुंचाया।

रक्षा मंत्री ने इस वर्ष विदेशी दौरों की शुरुआत ब्रिटेन से की। उन्होंने 09 से 10 जनवरी तक लंदन, यूनाइटेड किंगडम का आधिकारिक दौरा किया। उन्होंने लंदन में ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शैप्स (UK Defence Secretary Grant Shapps) के साथ द्विपक्षीय बैठक करके रक्षा, सुरक्षा और सहयोग के विभिन्न मामलों पर चर्चा की, जिसमें रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। वार्ता में चर्चा हुई कि देशों ने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक, बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी में ढालने और फिर से तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

रक्षा मंत्री ने 23 फरवरी को नई दिल्ली में नीदरलैंड की रक्षा मंत्री काजसा ओलोंग्रेन (Defence Minister Kajsa Ollongren) के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, विशेष रूप से समुद्री और औद्योगिक क्षेत्रों में विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ती बातचीत पर ध्यान दिया और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की।

रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Defence Minister and External Affairs Minister Dr. S Jaishankar) ने 20 अगस्त को नई दिल्ली में तीसरी भारत-जापान 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए जापानी रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू और विदेश मंत्री सुश्री योको कामिकावा की मेजबानी की। 2 प्लस 2 वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री और उनके जापानी समकक्ष के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। उन्होंने मौजूदा रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 से 26 अगस्त तक अमेरिका के दौरे पर रहे। उन्होंने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, औद्योगिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के अमेरिकी सहायक जेक सुलिवन से भी मुलाकात की।

रक्षा मंत्री और सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने 22 अक्टूबर को नई दिल्ली में छठी भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की। दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा पर साझा दृष्टिकोण के आधार पर गहरे और दीर्घकालिक द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को स्वीकार किया।

रक्षा मंत्री ने 21 नवंबर को वियनतियाने, लाओ पीडीआर में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) को संबोधित किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए भारत के रुख को दोहराया और वैश्विक शांति के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के बौद्ध सिद्धांतों की वकालत की। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की और जोर दिया कि भारत और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बैठक से इतर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन से भी मुलाकात की और दोनों पक्षों ने अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप के तहत हुई उल्लेखनीय प्रगति को मान्यता दी।

रक्षा मंत्री ने मलेशियाई, लाओ पीडीआर, दक्षिण कोरियाई, ऑस्ट्रेलियाई, न्यूजीलैंड फिलीपींस के अपने समकक्षों से भी मुलाकात की। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 08 से 10 दिसंबर तक रूस के दौरे पर रहे। उन्होंने मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष के साथ सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता की। रक्षा मंत्री ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

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