पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने लिखा गीत और स्वरबद्ध भी किया
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 17 सितंबर 2024 को 74वां जन्मदिवस है। प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर उनके जीवन से जुड़े कई जाने और अनछुए पहलू भी सामने आएंगे। ऐसे में देश के जाने माने संगीतकार भदैनी निवासी पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने भी खास अनूठी पहल की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को काशी में उनके तीसरे लोकसभा चुनाव के दौरान गंगानंदन का सम्बोधन देकर उनके जीवन पर आधारित खास गीत की रचना की और उसे स्वरबद्ध भी किया। डॉ आचार्य की पहल पर इस गीत को प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे संसदीय चुनाव के रोड शो में भी खास तौर पर सुनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे काफी पसंद किया।
डॉ राजेश्वर आचार्य के इस खास गीत “गंगानंदन, तव अभिनंदन, प्रगति साथ विश्वास सभी का.. मूर्तिमान काशी के वंदन, सत पथ पावन स्वच्छ सुहावन.. सब जग मंगल सब मन भावन, भक्ति कालभैरव, शिवचंदन.. धीर वीर गंभीर दयामय, दृढ़ संकल्पी भारत निर्भय.. सत्य शिव सुंदर आनन कानन.. पीर पराई नीर नयन में, जग को है विश्वास बयन में.. मृण्यमय को तू करे हिरण्मय, चिन्मय हेतु करे नित चिंतन.. गंगानंदन, तव अभिनंदन…” को वीडियो में भी शूट किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से जुड़े खास लम्हों को इस वीडियो में शामिल किया गया है। गीत को स्वर डॉ आचार्य की बहू डॉ शिवानी शुक्ला आचार्य ने दिया है। वीडियो की परिकल्पना प्रीतेश आचार्य, संपादन अंकित सिंह,पार्श्व संगीत मोहित ने दिया है।हालांकि खास बात यह है कि प्रधानमंत्री को आधार बना लिखे गए इस गीत में कहीं भी नरेन्द्र मोदी नाम का उपयोग नहीं किया गया है लेकिन बेहतरीन लेखन शैली से स्पष्ट परिलक्षित है कि विशेष गीत किस व्यक्तित्व की ओर इशारा कर रहा है।
डॉ राजेश्वर आचार्य के पुत्र प्रीतेश आचार्य ने बताया कि वाराणसी में चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने एक सभा में कहा था कि ‘दस वर्षों के बाद अब तो मां गंगा ने भी मुझे गोद ले लिया है और मैं यहीं का हो गया हूं।’ तभी पिताजी (डॉ राजेश्वर आचार्य) ने इस गीत को लिखा। प्रीतेश आचार्य ने बताया कि गीत पर आधारित वीडियो का दृष्यांकन प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण के बाद किया गया। वीडियो का लोकार्पण भी अस्सीघाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर किया गया। इसके बाद इसे यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया। लगभग चार मिनट के इस वीडियो में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के खास क्षणों, धाम में श्रमिकों का सम्मान, विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण, प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे में समुद्र में डूबी प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन आदि से जुड़े जीवंत दृष्यों को इसमें खास तौर पर शामिल किया गया है। द्वारका नगरी के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये सिर्फ समुद्र में एक डुबकी नहीं थी बल्कि समय यात्रा थी।
प्रीतेश आचार्य ने बताया कि पिताजी ने काशी में प्रधानमंत्री मोदी को गंगानंदन का सम्बोधन भाव प्रभा पद्म संस्थान सभागार में आयोजित विद्वत सभा में काशी की जनता की ओर से दिया था। श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी, श्री चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चल्ला सुब्बाराव समेत काशी के प्रबुद्धजनों ने इसका तब अनुमोदन किया था। पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने कहा था कि यह काशी के सामान्य जन की भावाभिव्यक्ति है। इसी वर्ष मई माह में काशी में आकर प्रधानमंत्री मोदी को लगा कि ”मां गंगा” ने उन्हें गोद ले लिया है। इस दिव्यानुभूति के अनुमोदन के लिए 13 मई को प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी रोड शो के समय काशी की जनता की ओर से उन्हें गंगानंदन सम्बोधन से अभिषिक्त किया गया।