Varanasi : दसवीं मुहर्रम पर शहीदाने कर्बला की याद में ताजियों का जुलूस निकला

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या हुसैन की सदायें, मातमी माहौल में ताजिये इमामबाड़ों में ठंडे किए गए
ताजिये के जुलूस में शामिल युवाओं और किशोरों ने फन-ए-सिपहगरी का प्रदर्शन किया
वाराणसी: (Varanasi)
धर्म नगरी काशी में दसवीं मुहर्रम (यौमे आशूरा) पर शनिवार को शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी ताजिये इमामबाड़ों में ठंडे किए गए। शहर और ग्रामीण अंचल में दोपहर बाद से ही सड़कों पर या हुसैन की सदा गूंजने लगी।

कड़ी सुरक्षा के बीच युवा, बच्चे और बुर्जुग जुलूस के साथ इमाम चौकों पर रखे ताजियों को लेकर मातमी माहौल में या हुसैन की सदा के बीच इमामबाड़ों के लिए निकले। ताजियों को कांधा देने के लिए लोगों में होड़ लगी रही। जगह-जगह समाजसेवी संगठनों ने शरबत और तबर्रुक का वितरण कैंप लगाकर किया। जुलूस के रास्ते में युवाओं और किशोरों ने पटा-बनेठी समेत युद्ध कौशल (फन-ए-सिपहगरी) का प्रदर्शन किया। जिसे देखने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर भीड़ जुटी रही। कई जगहों पर खंजर और कमा का मातम भी हुआ। मातम करने वालों का शरीर खून से लथपथ दिखा। लेकिन उनका भाव रहा घाव लग जाये तो कोई गम नही,खून बह जाये तो कोई फिक्र नहीं,इमाम हुसैन की शहादत के आगे हर दर्द कम है।

ताजिये के जुलूस में रांगे का ताजिया,बुर्राक का ताजिया, जरी वाला ताजिया, पीतल वाला ताजिया,थर्माकोल व वेलवेट के ताजिये,तुर्बत का ताजिया लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहे। शहर के अर्दली बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, बजरडीहा आदि इलाकों से ताजिया दरगाहे फातमान की ओर रवाना हुईं। शिवाला इमामबाड़ा की और गौरीगंज के अलावा बजरडीहा व मदनपुरा की ताजिया निकलीं। आदमपुर में तेलियाना, हनुमान फाटक, कज्जाकपुरा, जलालीपुरा होते हुए सरैया स्थित कर्बला तक ताजिया जुलूस निकाला। देर रात तक दरगाह फातमान, लाट सरैंया, इमामबाड़ा व भवनियां (भेलूपुर) में ताजियों के ठंडा करने का सिलसिला चलता रहेगा। नौवीं और दसवी मोहर्रम पर हजारों लोगों ने रोजा भी रखा। शाम को मगरिब की अजान के साथ लोगों ने खजूर से रोजा इफ्तार किया। सुबह कर्बला के शहीदों के नाम पर घरों में फातिहा भी पढ़ी गई।इसके पहले शुक्रवार शाम को शहर और ग्रामीण अंचल के सभी इमाम चौकों पर ताजिये बैठाए दिए गए। शाम से ताजिये की जियारत करने और फातिहा पढ़ने वालों की भीड़ उमड़ी रही। शहर के दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, सरैया, जलालीपुरा, जैतपुरा, पीलीकोठी, बड़ी बाजार,शिवाला, बजरडीहा, लोहता, रामनगर,हुकुलगंज,तेलियाबाग आदि इलाकों में देर रात तक बच्चे और महिलाएं ताजिया देखने के लिए उमड़ती रही। शहर के मशहूर ताजिये रांगे, नगीना, जरी, बुर्राक, पीतल, शीशम, चपरखट के ताजिये की जियारत के लिए खासी भीड़ जुटी रही।

10 वीं मुहर्रम को इमाम हुसैन और उनके 71 साथी हुए थे शहीद

शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर के सन् 61 हिजरी में 10वीं मुहर्रम को इमाम हुसैन व उनके 71 भूखे-प्यासे साथियों को जालिम यजीदी सेना ने कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया था। उसी की याद में हम लोग जुलूस निकाल कर इमाम हुसैन के प्रति अपने जज्बातों को व्यक्त करते हैं।