वाराणसी : दीपावली पर रविवार को प्रतिवर्ष की भांति मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की विधिवत आरती उतारी, भजन गाकर उर्दू में श्रीराम लिखा और उस पर दीप जलाए। भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण एवं हनुमान जी को भी पुष्प अर्पित कर विश्व को मानवीय एकता और शांति का संदेश दिया।
लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त बैनर तले जुटी मुस्लिम महिलाओं ने हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में भगवान राम की आरती उतारी। इस अवसर पर महिलाओं ने कहा कि हमारे पूर्वज भगवान राम की पूजा करते आ रहे हैं तो वो इसे कैसे छोड़ सकती हैं। भगवान राम को अपना पूर्वज मानने वाली मुस्लिम महिलाएं शांति और एकता की दूत हैं, जो नफरत और हिंसा के अंधेरे को रामनाम के प्रकाश से खत्म करने का प्रयास करती हैं।
वर्ष 2006 में संकट मोचन बम ब्लास्ट के बाद मुस्लिम महिलाएं लगातार प्रभु श्रीराम की आरती कर शांति, एकता और सद्भभावना का संदेश देती आ रही हैं। कई बार आतंकियों और कट्टरपंथियों ने आरती बंद करने की धमकी दी, लेकिन मुस्लिम महिलाएं न कभी रुकीं और न धमकियों से डरीं। फाउडोशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे पूर्वज हैं। हम धर्म बदल सकते हैं, लेकिन पूर्वज नहीं बदल सकते। रामनाम के प्रकाश से अधर्म का अंधकार मिट जाता है, जरूरत है राम नाम को हर जगह फैलाने की। जो राम से दूर हैं, वही हिंसा के लिए मजबूर हैं। फिलिस्तीन और इजरायल आपस में खून बहा रहे हैं, दोनों को भगवान राम के रास्ते पर चलने की जरूरत है, तभी शांति आ सकती है। मैं मुस्लिम देशों को चिट्ठी लिख रही हूँ कि वे अपने देश में श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करें और उनके महान त्याग को अपने देश का आदर्श बनाये। रामराज्य ही दुनियां को शांति की ओर ले जा सकता है।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव ने कहा कि देशों या परिवार को आपसी रिश्ते सुधारने हो तो यह जरूरी है कि हमें राम के मार्ग का अनुसरण करना होगा। राम ही साधन हैं और राम ही विकल्प। जिन देशों में राम की पूजा शुरू हो जाएगी, वहां के लोगों के मन में शांति स्थापित हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पीएचडी करने वाली मुस्लिम महिला डॉ नजमा परवीन ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का यह प्रयास आपसी संबंधों को मजबूत करने वाला और शांति का संदेश देने वाला है। श्रीराम की आरती में डॉ. अर्चना भारतवंशी, रजिया सुल्ताना, शबाना बेगम, शमा अफरोज, रेशमा कुरैशी, रजिया, जलिया बेगम, नगीना बेगम, रबीना आदि ने भागीदारी की।