शिक्षक करेंगे शिक्षक आमदार चुनाव का बहिष्कार
आनंद शुक्ला
उल्हासनगर : उल्हासनगर में शासकीय तांत्रिक विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय की जगह हड़पने की साजिश हो रही है जिसको लेकर स्कूल के शिक्षक ने शिक्षक आमदार चुनाव का बहिष्कार करेंगे ऐसी जानकारी शासकीय तांत्रिक विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय के मुख्य अध्यापक ने पत्रकारों को दी है।
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक 3 मध्यवर्ती अस्पताल के सामने शासकीय तांत्रिक विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय की जगह पर कई बच्चे शिक्षण ग्रहण कर रहे हैं ।कुछ महीनों से इस जगह से जुड़ी हुई दूसरी जगह पर भूमाफिया द्वारा बिल्डिंग खड़ी की जा रही है यह जगह पहले पोस्ट ऑफिस के लिए रिजर्व थी लेकिन भू माफियाओं के चलते इस जमीन पर अब बिल्डिंग मनाई जा रही है यह मामला पहले कुछ दिन सुर्खियों में था लेकिन उसके बाद यह मामला फिर शांत हो गया।
9 नवंबर को शासकीय तांत्रिक विद्यालय की जगह को अधिकारियों द्वारा नाप जोख किया गया। उसके बाद यहां पर सेफ्टी दीवार बनाने की प्रक्रिया 20 जनवरी को शुरू की गई। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और ठेकेदार ने आकर कहा कि यह जगह हमारी है और काम बंद करवा दिया ।काम बंद होते हैं शासकीय तांत्रिक विद्यालय का माहौल गरमा गया और यह खबर उल्हासनगर में आग की तरह फैल गई और काम बंद हो गया। स्कूल के मुख्य अध्यापक एस पी बोरसे ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है । शासकीय तांत्रिक विद्यालय की जगह को बचाया जाए इसके साथ ही मुख्य अध्यापक एस पी बोरसे ने कई और अधिकारियों को इस मामले में पत्र लिखा है और कार्रवाई करने की बात कही है मुख्य अध्यापक ने कहा है की शासकीय तांत्रिक विद्यालय की दीवार बनाने में जो अड़चन पैदा की जा रही है उसको यदि नहीं रोका गया और उस जगह को नहीं बचाई गई तो शासकीय तांत्रिक विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षक आगामी शिक्षक मतदार चुनाव का बहिष्कार करेंगे और वह मतदान नहीं करेंगे ।यह मामला उल्हासनगर में अब चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा जबकि राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग इस मामले को लेकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं। बता दे कि उल्हासनगर में कई रिजर्व प्लाट थे लेकिन उन प्लाटों को राजनीतिक नेताओं और भू माफियाओं द्वारा हड़प लिया गया और वहां पर गगनचुंबी इमारत बना दी गई ।जिसके चलते आज उल्हासनगर में कहीं पर भी सरकारी रिजर्व प्लाट नहीं बचा है ।खेलकूद के मैदान, स्टेडियम की जगह तथा अन्य कई जगहों पर अवैध निर्माण हो चुका है जिसको खाली कराना शासन प्रशासन के लिए एक मुसीबत है जिसके चलते भू माफियाओं के हौसले बुलंद है और सरकारी शौचालय और सरकारी जगह को वह आसानी से मनपा अधिकारियों की मिलीभगत से हड़प जाते हैं और बाद में उन जगहों पर बनाई गई इमारतों को आम जनता को बेच देते हैं और अंत में कोई कार्रवाई नहीं होती । यह सिलसिला उल्हासनगर शहर में कई सालों से चला आ रहा है राजनीतिक नेताओं और भू माफियाओं की यह परंपरा उल्हासनगर में आज भी कहेंगे कायम है और वह सरकारी प्लाट को खुलेआम हड़प कर रहे हैं । महाराष्ट्र सरकार को इन प्लाटों पर किए गए अवैध निर्माण को निष्कासित करना चाहिए और उन प्लाटों को शहर विकास और जनता के हित में लगाना चाहिए जिससे उल्हासनगर वासियों को हर सुविधा मिल पाए ।