POEM : मन का भाव

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उसने कहा प्रेम है तुमसे
वो चुप रहा
वो रो पड़ी
उसने सोचा उसके चेहरे को भर ले अंजुरी में
कह दे मर्म दिल का
फिर ख्याल आया वो तो महादेव है
और महादेव कहाँ कह पाते हैं अपने मन का भाव

अमित बृज