लक्जमबर्ग : (Luxembourg) भारत के स्टार पैरा-आर्म रेसलर श्रीमंत झा (para-arm wrestler Shrimant Jha) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का परचम लहराया है। लक्जमबर्ग पैरा-आर्म रेसलिंग कप 2025 में +80 किलोग्राम वर्ग में (winning the gold medal in the +80 kg category) उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, बल्कि इस जीत को उन्होंने अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को समर्पित कर मानवीय संवेदनाओं का परिचय भी दिया।
04 से 06 जुलाई तक आयोजित इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में एशिया के नंबर वन और दुनिया के तीसरे नंबर के पैरा-आर्म रेसलर श्रीमंत झा ने फाइनल में जर्मनी के ओलेकसांद्र लीशुकोव को हराया। इस स्वर्ण पदक के साथ उन्होंने बुल्गारिया में होने वाली वर्ल्ड पैरा-आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप 2025 के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। श्रीमंत भारत के लिए 56 अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं।
जीत के बाद श्रीमंत झा ने कहा कि “यह जीत मेरे लिए खास है। मैं हर मुकाबला अपने देश के लिए और शहीदों की स्मृति में लड़ता हूं। मेरी अगली तैयारी वर्ल्ड चैंपियनशिप की होगी। मेरी कोशिश रहेगी कि भारत को फिर से गर्व का अनुभव हो।” पीपल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन इंडिया की अध्यक्ष प्रीति झींज्ञानी, छत्तीसगढ़ राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. सुरेश बाबे, चेयरमैन बृज मोहन सिंह, सचिव श्रीकांत, कोच राजू साहू सहित कई खेल पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
अपनी इस जीत के साथ ही श्रीमंत झा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से सरकारी नौकरी देने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से मदद मिलने से वो अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर पाने में सक्षम होंगे। परिवार की जरूरतों का साधन बनने के बाद वो निश्चिंत होकर ओलंपिक की तैयारी पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।