रायपुर : (Raipur) छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में (government under the leadership of Chief Minister Vishnudev Sai) के प्रयास लोगों के जीवन में संजीवनी का काम कर रहे हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल (state’s Health Minister Shyam Bihari Jaiswal) के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य लगातार हो रहा है जिससे आपातकाल में मासूम लोगों की जान बच गई है।
इसी कड़ी में दितवी चौहान उम्र 4 वर्ष, अनन्या यादव उम्र 9 वर्ष, तारिका सिदार उम्र एक वर्ष और नित्यांश चौहान उम्र 6 वर्ष (Ditvi Chauhan, age 4 years, Ananya Yadav, age 9 years, Tarika Sidar, age one year and Nityansh Chauhan, age 6 years) को जहरीले सांपों ने काट लिया था और इनकी जान पर बन आई थी। दितवी चौहान, अनन्या यादव, तारिका सिदार को जहरीले करैत सांप ने डस लिया था। इनमें से नित्यांश चौहान सांप काटने के कारण मरणासन्न हालत में शासकीय मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। सांप का जहर पूरे शरीर में फैल चुका था और स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। शरीर में लकवे का असर दिख रहा था और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। इसी दौरान दितवी चौहान और अनन्या यादव भी पूरी तरह से होश में नहीं थी। दितवी चौहान को आठ दिन और अनन्या यादव को दो दिन वेंटीलेटर में रखना पड़ा था। सांप के काटने से बच्चों के शरीर में जहर पूरी तरह से फैल चुका था। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तथा हाथ एवं पैर की नसें कमजोर हो गयी थी।
आपातकालीन विभाग में बच्चों को साँस की नली डालकर कृत्रिम ऑक्सीजन की मशीन (वेंटिलेटर) (artificial oxygen machine (ventilator))में डाला गया। बच्चों को इलाज के दौरान बहुत सारी जटिलताओं का सामना करना पड़ा जैसे कि आंतरिक रक्तस्राव, पेशाब में खून आना इत्यादि । गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. एलके सोनी, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशुरोग (Dr. LK Soni, Head of Department of Pediatrics) के नेतृत्व में डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों की टीम के अथक प्रयासों से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 15 दिन तक गहन इलाज कर चारों की जान बचाई और नया जीवनदान दिया। कई दिनों तक चले गहन ईलाज से बच्चों के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार पश्चात चारों को आज अस्पताल से डिस्चार्ज (छुट्टी ) किया गया। अपने बच्चों के साथ अस्पताल से घर लौटते वक्त उनके परिजनों ने कहा कि शासकीय मेडिकल कॉलेज के ईलाज से उनके बच्चों की मुस्कुराहट लौटी है जिसे वो जीवन भर याद रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि, करैत भारत में पाए जाने वाले सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। सही समय पर इलाज न मिले तो जान बचने की गुंजाइश कम होती है। ऐसे में इन बच्चों की रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मिले उचित इलाज से जान बचाई जा सकी।
विशेषज्ञ डाक्टरों का प्रयास हुआ सफल
इलाज के दौरान एंटी स्नैक वेनम, आइनोट्रोप उपयुक्त एंटीबायोटिक एवं वेंटीलेटर (anti-snake venom, inotrope, appropriate antibiotics and ventilator) के इस्तेमाल से बच्चों की जान बचाई जा सकी। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. एल.के सोनी (विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशुरोग, डॉ. गौरव क्लाडियस (असिस्टेंट प्रोफसर), डॉ. अंशुल विक्रम श्रीवास्तव (असिस्टेंट प्रोफेसर), डा. दुष्यंत कुमार सिदार (जे. आर.), डॉ नीना नीतिका पैकरा (जे. आर.), डॉ. राहुल बी. पालड़िय (जे. आर.) एवं स्टॉफ नर्सों की अथक प्रयासों से बच्चो के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आना शुरु हुआ। कई दिनों तक चले गहन ईलाज से बच्चे के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार पश्चात चारो बच्चो को आज बुधवार को अस्पताल से डिस्चार्ज (छुट्टी) किया गया।