आवासीय योजना में की जा रही धांधली के खिलाफ भाकियू ने खोला मोर्चा
एसडीएम कोरांव को ज्ञापन सौंपते हुए दी सात दिन की मोहलत,धांधली का आरोप
प्रयागराज : जरूरतमंदों तक कल्याणकारी योजना का लाभ पहुंचाने में कुछ जिम्मेदार ही रोड़ा डाल रहे हैं। गुलाबी नोट खाने के आदी हो चुके इन भ्रष्ट लोगों के द्वारा योजनाओं के लाभार्थियों का नाम तक कटवा दिया जा रहा है। आवासीय योजना में बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार को एसडीएम कोरांव शुभम यादव को ज्ञापन सौंपा और जांच व कार्यवाही के लिए सात दिन की मोहलत दी है।
भाकियू का कहना है कि ब्लॉक कोरांव इन दिनों पीएम एवं सीएम आवास योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थियों से अवैध वसूली की जा रही है। घूस देने वाले अपात्र को पात्र बनाया जा रहा है और पैसा न पाने वाले पात्रों को अपात्र की श्रेणी में डाला जा रहा है। भाकियू का आरोप है कि अवैध कमाई के इस धंधे में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं। ग्राम प्रधान, ब्लाक के कर्मचारी सुविधाशुल्क नहीं देने वालों को जान-बूझकर अपात्र की श्रेणी में डाला जा रहा है।
इसकी एक बानगी ग्राम पंचायत अरुआरी में देखने को मिली। जहां सीमा देवी पत्नी रमाकांत आदिवासी को आवास सूची क्रमांक संख्या नंबर 52 पर आवास स्वीकृत किया था, लेकिन घूस नहीं देने पर ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा सीमा आदिवासी कोअपात्र कर दिया गया। इसकी शिकायत तहसील दिवस में की गई। जेई ने जांच में सीमा आदिवासी को पात्र दर्शाया गया, बावजूद इसके उसे अभी तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला।
सीमा आदिवासी की यह शिकायत तो एक बानगी भर है। इस तरह के दर्जनों मामले हैं। और, कमोवेश अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का भी यही हाल है। भाकियू का आरोप है कि रिश्वत नहीं मिलने पर अपात्र करके पात्र बनाने के लिए कथित रूप से 10,000 से लेकर 20000 तक ब्लॉक कर्मचारियों के द्वारा वसूला जा रहा है। भाकियू ने चेताया कि यदि इस तरह की वसूली के मामले में एक सप्ताह के अंदर जांच व कार्यवाही नहीं की जाती तो यूनियन उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।