हीरा जड़ित सोने की नई बांसुरी तथा वृंदावन की विशेष पोशाक पहनीं भगवान युगल किशोर ने
सोने के हार सहित नये जेवर से श्रृंगार हुआ राधिका जी का
पन्ना : बुंदेलखंड के आस्था के केन्द्र भगवान युगल किशोर जी के मंदिर में गुरुवार को भगवान कृष्णजी का जन्मोत्सव विशेष रूप से मनाया गया। मंदिर के मुसद्दी संतोष तिवारी ने बताया कि कई वर्षो बाद ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि भगवान श्री युगल किशोर जी जन्म उत्सव पर श्रृद्धालु द्वारा दान की गई हीरा जड़ित सोने की बांसुरी जैसा कि पूरे बुंदेलखंड में गीत प्रचलित है कि पन्ना की श्री युगल किशोर की मुरलिया में हीरा जड़े हैं, के अनुसार भगवान युगल किशोर जी हीरा जड़ित सोने की नई बांसुरी धारण की। उनके लिए वृंदावन से विशेष पोशाक बनकर आई थी। जिसे भगवान युगल किशोर जी एवं राधिका जी पहनी।
इसी प्रकार राधिका जी के लिए दान में प्राप्त हुआ 1.50 लाख का सोने के हार सहित नये जेवर पहनाकर श्रृंगार किया गया। इसी प्रकार प्रतिवर्ष की भांति जहां पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा भक्ति पर्व मनाया जाता है उसके लिए भोपाल से सांस्कृतिक टीम आई हुई है लेकिन इस बार अलग से उड़ीसा एवं बाम्बे से आई भजन टीम भी अपना कार्यक्रम विशेष रूप से प्रस्तुत किया। इस बार के विशेष जन्मोत्सव कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन द्वारा भी विशेष व्यवस्थाएं की गई। श्रृद्धालुओं को कोई परेशानी न हो के इसके लिए अलग अलग पार्किंग स्थल बनाये गये तथा किशोर जी मंदिर से बड़ा बाजार प्रमुख मार्ग को वाहनों के आवागमन के लिए पूर्ण प्रतिबंधित किया गया था।
जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर पन्ना हरजिन्दर सिंह, पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण थोटा पूरे दल बल के साथ उपस्थित रहकर मॉनीटरिंग कर रहे। मन्दिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था जिसके लिए कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। मदिर के बाहर जहां मजदूरों और कारीगरों द्वारा मंदिर को सजाया गया। वहीं दूसरी ओर मंदिर के गर्भग्रह में करीब आधा दर्जन पुजारियों की टीम साफ सफाई करने के साथ ही गर्भगृह को संवारने मे दिनभर लगे रहे। यहां जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर रोशनी से नहाये मंदिर का सौंदर्य देखते ही बन रहा था।
मथुरा की तर्ज पर मनाया जाता है श्रीकृष्ण जन्मोत्सवः- पन्ना में पूरी तरह से मथुरा की तर्ज पर भगवान श्रीक्रष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है । भगवान जुगल किशोर का यह मंदिर साल भर में निभाई जाने वाली परंपराओं को लेकर भी चर्चित रहता है साल भर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की सजने वाली झांकी आकर्षण का केंद्र होती है। शहर के बीचोंबीच स्थित यह भव्य मंदिर शहर की आस्था का केंद्र विंदु भी है। तीन सौ साल से भी अधिक पुराने इस मंदिर और भगवान जुगल किशोर जू के चमत्कारों को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। यहां पूरे साल सजने वाली अलग-अलग झांकियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी यहां मनाया जाने वाला साल का सबसे बड़ा त्यौहार है।