वाराणसी : कर्बला की जंग में इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत का चेहल्लुम गुरुवार को मातमी माहौल में मनाया गया। शिया मुसलमानों ने अपराह्न में अलम, ताजिया व दुलदुल का जुलूस निकाला। जुलूस में शामिल युवाओं ने राह में जंजीर के मातम से खुद को लहूलुहान किया तो कहीं फन-ए-सिपहगिरी का प्रदर्शन कर मैदाने कर्बला की याद ताजा की गई।
जुलूस देर शाम तक दरगाह फातमान, सदर इमामबाड़ा लाट व शिवाला घाट पर ठंडे किये गए। मरहूम हकीम काजिम के दालमंडी स्थित इमामबाड़ा में जब जुलूस पहुंचा तो अंजुमन हैदरी ने नौहाख्वानी व मातम किया। जुलूस दरगाह फातमान पहुंच कर खत्म हुआ। अर्दलीबाजार स्थित अंजुमन इमामिया ने ताबूत, अलम, दुलदुल व अमारी का जुलूस निकाला। इसमें कई मातमी अंजुमनों ने नौहाख्वानी व मातम किया। अर्दली बाजार स्थित उल्फत बीबी के हाता स्थित मरहूम जहीर हुसैन के इमामबाड़ा से जुलूसे अमारी निकाला गया। इसमें अलम, ताबूत, दुलदुल, अली असगर का झूला व ऊंटों पर अमारी सजी थी। जुलूस अर्दलीबाजार, सब्जी मण्डी, तार गली, डिठोरी महाल होता हुआ उसी इमामबाड़ा में समाप्त हुआ।
इसी क्रम में अंजुमन जव्वादिया कच्चीसरांय से अलम, ताबूत का जुलूस, दोषीपुरा के जाफरिया इमामबाड़ा से अलम, ताबूत व दुलदुल का जुलूस निकलकर सदर इमामबाड़ा पहुंचकर ठंडा हुआ। इसी क्रम में शहीदाने कर्बला इमाम हुसैन की याद में मातमी जुलूस इमामबाड़ा कच्चीसराय दालमंडी से सैयद इकबाल हुसैन लाडले हसन की देखरेख में उठाया गया। जुलूस नई सड़क, शेख सलीम फाटक, काली महाल, पितरकुंडा होते हुए दरगाहे फातमान जाकर समाप्त हुआ। इसमें हैदर शकील हुसैन, हैदर मुलाई, शाहीन हुसैन ,शारिक हुसैन, शरीफ, जीशान, बादशाह अली, सकलैन हैदर आदि शामिल रहे।
चेहल्लुम का दूसरा जुलूस अंजुमन हैदरी चौक ने दालमंडी पत्थर गलिया से उठाया। जुलूस अपने कदीमी रास्ते को तय करता हुआ फातमान जाकर समाप्त हुआ । जुलूस का संचालन शकील अहमद जादूगर ने किया।