नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग और राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को बयान देने से रोकने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाया गया एक लाख रुपये का जुर्माना माफ कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के माफी मांगे जाने के बाद जुर्माने को माफ करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद को निर्देश दिया कि वो इस आदेश की प्रति आगे किसी भी याचिका को दायर करते समय संलग्न करेगा। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से जुर्माने की सजा माफ करने की मांग करते हुए कहा कि उसकी याचिका कानून सम्मत नहीं थी। इससे पहले 8 मई को हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ये किस तरह की मांग है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि हम प्रेस का या प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों का मुंह कैसे बंद कर दें। आप क्या चाहते हैं कि हम क्या करें। कोर्ट ने कहा था कि आप वकील हैं और इस तरह की याचिका कैसे दायर कर सकते हैं। क्या हम इमरजेंसी या मार्शल लॉ लगा दें। हम कैसे मीडिया संस्थान को रिपोर्टिंग से रोक सकते हैं या किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को केजरीवाल के खिलाफ बयान देने से रोक सकते हैं।
याचिका में अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ में सरकार चलाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं देने और उनके खिलाफ बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि अरविंद केजरीवाल को अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा तिहाड़ जेल में उपलब्ध कराई जाए।