New Delhi : आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप अन्य लोगों के लिए परेशानी खड़ी करेंगे : न्यायालय

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New Delhi: Keeping stray dogs doesn't mean you will create trouble for other people: Court

नयी दिल्ली: (New Delhi) उच्चतम न्यायालय ने एक महिला की उस याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें उसने 60 से अधिक आवारा कुत्तों को संरक्षण देने की मांग की थी। महिला काफी समय से इन कुत्तों की देखभाल कर रही है।न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंद्रेश की एक पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि वह इस मामले को इसी मुद्दे पर सुनवाई कर रही एक अन्य पीठ के समक्ष उठाएं।पीठ ने कहा, ‘‘ आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें सड़कों पर ले जाएं, लड़ाई करें और लोगों के जीवन में परेशानी खड़ी करें।’’

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ जैसा कि यह बताया गया है कि इसी तरह के मुद्दे पर एक अन्य पीठ सुनवाई कर रही है इसलिए वर्तमान रिट याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती।’’उच्चतम न्यायालय मध्य प्रदेश की समरिन बानो की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य में आवारा कुत्तों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और उन्होंने उन 67 आवारा कुत्तों के लिए संरक्षण की मांग की थी, जिनकी वह काफी समय से देखभाल कर रही हैं।