Friday, December 1, 2023
HomelatestNew Delhi : पाकिस्तान-चीन के 'सी-गार्डियन' अभ्यास पर भारत की आईओआर में...

New Delhi : पाकिस्तान-चीन के ‘सी-गार्डियन’ अभ्यास पर भारत की आईओआर में पैनी नजर

चीनी पनडुब्बी सहित कई जहाजों की कराची में डॉकिंग नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय
भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के बाद बीजिंग ने आईओआर में उपस्थिति बढ़ाई
नई दिल्ली: (New Delhi)
पाकिस्तान और चीन की नौसेनाओं के बीच अरब सागर में चल रहे अभ्यास सी-गार्डियन (exercise Sea-Guardian) पर भारतीय नौसेना की पैनी नजर है। पाकिस्तानी नौसेना के साथ अभ्यास में भाग लेने वाले चीनी जहाजों और पनडुब्बियों के हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में प्रवेश करने के समय से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में एक पनडुब्बी सहित कई जहाजों को कराची बंदरगाह पर खड़ा किया गया है। यह गतिविधि ऐसे समय में हुई है, जब बीजिंग ने क्षेत्र में अपनी समुद्री उपस्थिति बढ़ा दी है।

पाकिस्तान और चीन अरब सागर में अपने नौसैनिक अभ्यास सी गार्डियन का तीसरा संस्करण आयोजित कर रहे हैं। इस अभ्यास में चीन और पाकिस्तान पहली बार संयुक्त समुद्री गश्त भी करेंगे। दोनों देशों की नौसेनाओं के अनुसार यह दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास है। कराची नौसेना डॉकयार्ड (Karachi Naval Dockyard) में एक उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ यह अभ्यास शुक्रवार तक जारी रहेगा। यह अभ्यास नई दिल्ली में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता होने के ठीक बाद शुरू किया गया है। इस वार्ता के दौरान हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा पर व्यापक चर्चा की गई थी।

इस अभ्यास में दोनों नौसेनाएं गठन युद्धाभ्यास, वीबीएसएस (यात्रा, बोर्ड, खोज और जब्ती), हेलीकॉप्टर क्रॉस-डेक लैंडिंग, संयुक्त खोज और बचाव, संयुक्त पनडुब्बी रोधी और मुख्य बंदूक शूटिंग के साथ ही प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लेंगी। चीनी नौसेना ने सी-गार्जियन-3 अभ्यास के लिए कराची में गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक ज़िबो, दो आधुनिक फ्रिगेट, एक पारंपरिक हमला पनडुब्बी और एक पनडुब्बी सहायता जहाज तैनात किया है। सबसे बड़े और सबसे सक्षम विध्वंसक में से एक माना जाने वाला ज़िबो दुश्मन के जहाजों के साथ-साथ विमानों और यहां तक कि पानी के नीचे वस्तुओं पर भी हमला करने की क्षमता रखता है।

चीन ने उन्नत हथियारों और सेंसर से लैस अपने दो फ्रिगेट जिंगझोउ और लिनी भी तैनात किए हैं। अभ्यास के लिए चीन का व्यापक आपूर्ति जहाज कियानंदा ओहू भी कराची में खड़ा है। इसके अलावा एक टाइप 039 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को सी गार्डियन-3 अभ्यास के हिस्से के रूप में कराची में डॉक किया गया है। पाकिस्तान की ओर से पीएनएस शाहजहां और सैफ सहित नौ जहाज, तीन जहाजी हेलीकॉप्टर, चार लड़ाकू जेट, एक फिक्स्ड-विंग एंटी-पनडुब्बी गश्ती विमान और दर्जनों मरीन इस अभ्यास में शामिल किये गए हैं। चीनी पनडुब्बी सहित जहाजों की कराची में डॉकिंग नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय है।

दरअसल, पिछले कुछ समय से चीन ने हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इस महीने की शुरुआत में चीन का ‘रिसर्च शिप’ शी यान 6 कोलंबो में डॉक किया गया था। इससे पहले यह जहाज तमिलनाडु तट रेखा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बीच बंगाल की खाड़ी में चला गया था। यह आठवीं बार है जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) ने 2013 के बाद से हिंद महासागर में एक पनडुब्बी तैनात की है। चीन पूरे क्षेत्र में पनडुब्बी संचालन के लिए बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर के पानी का सक्रिय रूप से इस्तेमाल कर रहा है।

भारतीय नौसेना के कार्मिक प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हिंद महासागर में हम इस बात पर पैनी नजर रख रहे हैं कि उनके अनुसंधान जहाज, जासूसी जहाज, उपग्रह ट्रैकिंग जहाज, युद्धपोत हर समय कहां हैं। साथ ही, भारत चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी सतर्क है। यह भारत की जानकारी में है कि बीजिंग इस्लामाबाद की नौसेना को आधुनिक बनाने में तेजी से मदद कर रहा है, जिसके लिए कई समझौते किये गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी नौसेना का चीनी आधुनिकीकरण न केवल समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए दोनों देशों के सहयोग का हिस्सा है, बल्कि हिंद महासागर और अरब सागर में चीनी नौसेना की उपस्थिति इस क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश है।

इससे जुडी खबरें

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर