
नयी दिल्ली : विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को कहा कि सरकार और न्यायपालिका एक टीम की तरह मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन समाज में कुछ लोग हैं जो ऐसा दर्शाने की कोशिश में लगे हैं कि दोनों के बीच कोई विवाद या गलतफहमी है।
रीजीजू ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके बयान में कुछ ठोस नहीं होता इसलिए इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया की जरूरत नहीं है।’’
केंद्रीय मंत्री ने यहां लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव में इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार विपक्ष पर निशाना साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘यह सही नहीं है। भाजपा में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाता, इसलिए पूर्वाग्रह का कोई सवाल नहीं है। भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति मोदी सरकार का मंत्र है।’’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए एक समिति बनाने के उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले पर रीजीजू ने कहा कि एक मंत्री के रूप में उन्हें न्यायिक निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे लगता है कि अतिक्रमण हो रहा है, तो मैं उचित मंच पर उठाऊंगा या उचित कार्रवाई करुंगा।’’
रीजीजू ने कहा कि संसद सत्र चल रहा है, इसलिए वह सरकार की कोई विधेयक लाने की मंशा या अन्य किसी फैसले के बारे में बात नहीं करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम अपना कर्तव्य निभाएंगे। किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी सावधानी बरती जाती है और हम ऐसे किसी मामले को नहीं उठाते हैं। हम जरूरी होने पर ही कोई कार्रवाई करेंगे और यदि सुधारात्मक कदम आवश्यक होंगे तो हम ऐसा करेंगे।’’
रीजीजू ने कहा कि कानून बनाने में संसद की सर्वोच्चता से समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायपालिका टीम की तरह काम कर रहे हैं।
रीजीजू ने कहा, ‘‘समाज में कुछ तत्व हैं जो जानबूझकर एक तरह का भ्रम या विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि नकारात्मक तरीके से यह प्रदर्शित किया जा सके कि सरकार और न्यायपालिका के बीच किसी तरह की गलतफहमी या विवाद है, जो ठीक नहीं है।’’