नई दिल्ली : (New Delhi) विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (Assembly Speaker Vijender Gupta) ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी के सभी आरोप निराधार और तथ्यों की तुलना में अधिक राजनीतिक विचारों से प्रेरित प्रतीत होते हैं। विधानसभा अध्यक्ष को आतिशी ने बुधवार को एक स्मरण पत्र सौंपते हुए हाल ही में संपन्न सत्र के दौरान कार्यप्रणाली और निर्देशों पर विभिन्न आरोप लगाए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि सदन द्वारा निलंबित किए गए सदस्यों को बाहर रखने का मेरा निर्णय हमारे नियम 277 और ‘परिसर’ की परिभाषा के अनुसार था। इस परिभाषा में परिसर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को विस्तार से समझाया गया है और इसमें ‘मार्ग’ भी शामिल हैं। इसके अलावा यह अध्यक्ष को समय-समय पर ‘अन्य स्थानों’ को भी घोषित करने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि आतिशी और उनकी पार्टी के सदस्यों के विघटनकारी व्यवहार के लिए माफी मांगने के बजाय वह मेरे विधिसम्मत निर्देशों को ही गलत ठहराने का प्रयास कर रही हैं।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जहां तक फ्लोर टाइम (सदन में बोलने का समय) का प्रश्न है, मुझे लगता है कि आपको हमारे नियमों और संसदीय परंपराओं के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई है। फ्लोर टाइम निश्चित रूप से दलों की संख्या के अनुपात में आवंटित किया जाता है लेकिन कृपया ध्यान रखें कि यह समय उन सदस्यों की उपस्थिति पर भी निर्भर करता है, जो सदन में मौजूद होते हैं। विपक्ष के सदस्य तीन दिनों तक निलंबन के कारण उपस्थित नहीं थे। हालांकि, अमानतुल्लाह खान जो उपस्थित थे, उन्हें बहस में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने इसके बाद सदन से वाकआउट किया और आगे की चर्चा में भाग नहीं लिया।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री या किसी मंत्री द्वारा उपयोग किया गया फ्लोर टाइम इसमें शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि उन्हें हमारे नियमों के अनुसार किसी भी समय हस्तक्षेप करने की अनुमति होती है। जहां तक मेरे हस्तक्षेप या बीच में बोलने का सवाल है, मुझे तब हस्तक्षेप करना पड़ा, जब सदन अव्यवस्थित या कोई सदस्य भड़काऊ बयान देकर कार्यवाही बाधित कर रहा था। इसी तरह, जो भी बिंदु नियमों के अनुसार उठाए गए, उन्हें विधिवत स्वीकार किया गया और आगे भी किया जाएगा।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आपने (आतिशी) मेरे विपक्षी सदस्य के रूप में कार्यकाल के दौरान की गई गतिविधियों का उल्लेख किया है। इस संबंध में विस्तार से उत्तर देना उचित नहीं होगा लेकिन ध्यान रखें कि हमने न्यायिक मार्ग अपनाया था और न्यायालयों से तत्कालीन अध्यक्ष और सरकार की कार्रवाई के विरुद्ध राहत प्राप्त की थी।