Mumbai : सजा भी संभव आपत्तिजनक पोस्ट से ठाणे पुलिस की चेतावनी

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मुंबई : (Mumbai) अब, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने, सांप्रदायिक तनाव पैदा करने या झूठी अफ़वाहें फैलाने वाली पोस्ट शेयर करना, भले ही वे ‘मज़े’ के लिए ही क्यों न शेयर की गई हों, एक गंभीर अपराध माना जाएगा। न केवल पोस्ट करने वाला, बल्कि उसे फ़ॉरवर्ड करने वाला और ग्रुप एडमिन भी अपराधी माना जाएगा। ठाणे पुलिस ने एक सर्कुलर जारी कर स्पष्ट चेतावनी दी है कि कानून से कोई बच नहीं सकता।

सोशल मीडिया पर किसी भी मैसेज को फ़ॉरवर्ड करने से पहले उसकी जाँच कर लें। नई भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) (new Indian Penal Code) के तहत लागू धाराओं के अनुसार, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर घृणास्पद सामग्री शेयर करने पर 3 से 5 साल की कैद हो सकती है, जबकि भारत की संप्रभुता को ख़तरा पैदा करने वाली अफ़वाहों पर आजीवन कारावास हो सकता है। इतना ही नहीं, झूठी मानहानिकारक जानकारी शेयर करने वालों के लिए भी कारावास का प्रावधान किया गया है। इसी पृष्ठभूमि में, ठाणे पुलिस आयुक्त आशुतोष दुंबरेके (Thane Police Commissioner Ashutosh Dumbre) मार्गदर्शन में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें कानून सभी के लिए समान हैं। ठाणे पुलिस ने संदेश दिया है कि अफ़वाहों का शिकार होने के बजाय, एक जागरूक नागरिक बनें।

“किसी भी संदेश को शेयर करने से पहले उसकी जाँच-पड़ताल करें, सोचें और उसके बाद ही कोई फ़ैसला लें। क्योंकि, एक ग़लत शेयर आपकी ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है।” अक्सर लोग सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट ‘मज़े के लिए’ या ‘मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं’ के भ्रम में शेयर कर देते हैं। हालाँकि, अब न सिर्फ़ पोस्ट डालने वाला, बल्कि उस ग्रुप का एडमिन और पोस्ट फ़ॉरवर्ड करने वाले भी अपराधी माने जाएँगे।

ठाणे ईस्ट कोपरी पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निशिकांत विश्वकर (Senior Police Inspector Nishikant Vishwakar) का कहना है कि समाज में सौहार्द बनाए रखना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। अफ़वाहों का हिस्सा न बनें, व्हाट्सएप, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट शेयर करने से पहले सोचें। आपकी किसी भड़काऊ पोस्ट की वजह से अनर्थ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।इसलिए असामाजिक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को कारावास की सज़ा भी हो सकती है।