
मुंबई: (Mumbai) राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली शिंदे सरकार के 9 महीने के कार्यकाल में महाराष्ट्र की छवि को बड़ा झटका लगा है। कुछ संगठनों के भड़काऊ भाषणों से राज्य में धार्मिक विवाद बढ़ रहे हैं, लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार नपुंसक है। यह सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए धार्मिक विवाद गहराते जा रहे हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए एक बड़ा तमाचा है। सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े कमेन्ट के बाद शिंदे- फडणवीस यानी ईडी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस सरकार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्यक्त किए गए गुस्से को सही बताते हुए पटोले ने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। सत्ता पक्ष के विधायक और सांसद खुलेआम दबंगई कर रहे हैं। माफिया सरगना से जुड़े लोगों का गृह मंत्री के घर आना-जाना था, लेकिन पुलिस तंत्र और गृह मंत्री को इसकी भनक तक नहीं थी।पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर हमले होते हैं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जाता।अगर सत्ता पक्ष का विधायक गोली भी चलाते हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने की जगह उसे बचाया जाता है।
उन्होंने कहा कि एक संगठन पिछले कुछ महीनों से राज्य के विभिन्न जिलों में मार्च निकाल रहा है। कई बैठकें कर रहा है। भड़काऊ बयान दे रहा है, जिससे सामाजिक शांति को खतरा पैदा हो गया है।कुछ लोगों ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत भी की, लेकिन पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं। महाराष्ट्र एक प्रगतिशील और उन्नत राज्य है। मुंबई और महाराष्ट्र की पूरे विश्व में बड़ी प्रतिष्ठा है, लेकिन कुछ संगठन इसे धर्म के नाम पर बदनाम करने का काम कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस तरह के संगठनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई कर इस पर पाबंदी लगाए, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही। यही वजह है की ऐसे संगठन फल-फूल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के बारे में जो शब्द इस्तेमाल किया, वह आज तक किसी भी सरकार के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ, जिससे पता चलता है कि स्थिति कितनी गंभीर है।