Mumbai : मालेगांव विस्फोट मामले के फैसले पर एकनाथ शिंदे ने कहा-न्याय में देरी हुई है लेकिन देरी को सुधारा गया है

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मालेगांव विस्फोट मामले के फैसले से राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश : चंद्रशेखर बावनकुले
मुंबई : (Mumbai)
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra Deputy Chief Minister Eknath Shinde) ने गुरुवार को कहा कि न्याय में देरी हुई है लेकिन देरी को सुधारा गया है। उन्होंने कहा कि एक हिंदू सहिष्णु होता है, वह कभी भी देश के खिलाफ कुछ नहीं करता।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने आज आए मालेगांव बम विस्फोट मामले की फैसले का स्वागत करते (welcomed the verdict of Malegaon bomb blast case) हुए कहा कि उस समय देश में यूपीए की सरकार थी और बड़े पैमाने पर बम विस्फोट हुए थे। उस समय यूपीए सरकार कहती थी कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता। लेकिन, जब मालेगांव विस्फोट हुआ, तो उन्होंने कहा कि यह भगवा आतंकवाद है। राजनीति करने की कोशिश की गई। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज के फैसले से अदालत ने उस समय की गई राजनीति के मुंह पर तमाचा मारा है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को भगवा आतंकवाद से जोडऩे की कोशिश की गई थी। एक हिंदू सहिष्णु होता है, वह कभी भी देश के खिलाफ कुछ नहीं करता। आज के फैसले से यह साबित हो गया है।

वहीं महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने (Maharashtra Revenue Minister and former BJP state president Chandrashekhar Bawankule) गुरुवार को कहा कि मालेगांव बम विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत का फैसला केवल एक न्यायिक फैसला नहीं है, बल्कि यह लंबे समय से चल रही राजनीतिक बदनामी की साजिश का पर्दाफाश है।

बावनकुले ने आज मालेगांव बम विस्फोट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी आरोपों के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है। लेकिन इससे भी गंभीर बात यह है कि कांग्रेस ने जानबूझकर अपने प्रचार में “हिंदू आतंकवाद” शब्द (“Hindu terrorism”) का इस्तेमाल करके हिंदू समुदाय, आस्था और दुनिया को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सदियों से मानवता और सहिष्णुता के प्रतीक रहे हिंदू धर्म को आतंकवादियों की श्रेणी में डालने का अक्षम्य अपराध कांग्रेस करती आ रही है। आज अदालत ने सच्चाई पेश की है और अब कांग्रेस को हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए । एक हिंदू कभी आतंकवादी नहीं था और कभी नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव के भिक्खु चौक पर हुए भीषण बम विस्फोट मामले का फैसला आज मुंबई की विशेष एनआईए (NIA court of Mumbai) ने सुनाया और सभी सात आरोपितों को निर्दोष बरी कर दिया है । इस विस्फोट में छह निर्दोष नागरिक मारे गए थे, जबकि 100 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।