मुंबई: (Mumbai) जोगेश्वरी भूखंड घोटाला मामले (Jogeshwari land scam case) में सांसद रवींद्र वायकर को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर उन्हें क्लीन चिट दे दी है। मुंबई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मामला गलतफहमी के कारण मुंबई नगर निगम की ओर से दाखिल किया गया था। इसलिए रवींद्र वायकर पर लगे सभी आरोप वापस ले लिए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने रवींद्र वायकर पर आरोप लगाया था कि सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि पर पांच सितारा होटल बनाकर 500 करोड़ का घोटाला किया है। इसी आरोप के तहत मुंबई नगर निगम अभियंता संतोष मांडवकर की शिकायत पर आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी मनीषा और उनके पार्टनर आसु नेहलानी, राज लालचंदानी, पृथपाल बिंद्रा और आर्किटेक्ट अरुण दुबे के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस हेराफेरी के कारण नगर पालिका के राजस्व को नुकसान हुआ है। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने भी रवींद्र वायकर के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर उनके घर पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन मुंबई पुलिस की ओर से कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दिया गया है, जिससे रवींद्र वायकर को राहत मिल गई है।
रवींद्र वायकर को क्लिन चिट मिलने पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राऊत ने कहा कि अगर कहा जा रहा है कि गलतफहमी की वजह से मामला दर्ज किया गया तो मामला दर्ज करने वालों पर ही मामला दर्ज किया जाना चाहिए। राऊत ने कहा कि भाजपा के इशारे पर गैर भाजपा दलों के नेताओं पर इसी तरह झूठे मामले दर्ज किए गए और उन्हें अपने समर्थन में लेने के बाद उन पर दर्ज मामलों को वापस ले लिया गया है। संजय राऊत ने कहा जिन लोगों ने पार्टी बदलने की बजाय जेल जाना पसंद किया उन पर दर्ज मामले भी वापस लिए जाने चाहिए। जिस तरह से प्रफुल्ल पटेल की 120 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने भाजपा को समर्थन के बाद लौटा दी, उसी तरह अन्य नेताओं की संपत्ति ईडी को लौटा देना चाहिए।