यह घटना दिल्ली स्थित जमिया मिलिया विश्वविद्यालय की है। क्योंकि जाकिर साहब स्वयं अनुशासनप्रिय और सफाई पसंद थे, इसलिए वे विदयार्थियों को भी वैसा ही बनने को कहते, मगर उन्होंने महसूस किया कि विद्यार्थी उनके कहे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, सो उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छा सबक सिखाना चाहा।
एक दिन प्रात: छात्रों को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि संस्था के प्रधान जाकिर साहब विद्यालय के द्वार पर पॉलिश और ब्रश लिये बैठे हैं।
यह नजारा देखकर सब पानी-पानी हो गये। इस घटना का विद्यार्थियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ा। अब वे नियम से अपने जूतों पर पॉलिश ही करके नहीं आने लगे बल्कि अनुशासित भी हो गए।