कठुआ : हमें फुटबॉल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, कार्रवाई नहीं करनी है तो हमें फांसी दे दो, बार-बार गुहार लगाने पर भी पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही है और अब विशाल मेगा मार्ट ने भी तीन करोड़ 33 लाख रुपया का जुर्माना लगा दिया है। यह बातें पीड़ित महेंद्र पाल गुप्ता ने पत्रकारवार्ता कर कहीं।
बीते 40 दिन पहले कठुआ शहर के वार्ड नंबर 6 में बनी एक इमारत को नगर परिषद कठुआ और जिला प्रशासन द्वारा अवैध करार देकर तोड़ दिया गया था। जिसके बाद इमारत मालिक महेंद्र पाल ने नगर परिषद कठुआ के सीईओ पर बिना किसी नोटिस के इमारत तोड़ने का मामला दर्ज करने की शिकायत कठुआ पुलिस थाना में दी थी लेकिन कठुआ थाना प्रभारी ने मामला दर्ज नहीं किया था। जिसके बाद पीड़ित महेंद्र पाल गुप्ता ने न्याय की गुहार के लिए कोर्ट कर दरवाजा खटखटाया। बुधवार को पीड़ित महेंद्र पाल और उनके अधिवक्ता अजित शत्रु शर्मा ने पत्रकार वार्ता कर कोर्ट द्वारा जांच के दिए आदेश की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इमारत में विशाल मेगा मार्ट खुलने वाला था लेकिन नगर परिषद द्वारा इसे अवैध करार देकर गिरा दिया गया था जबकि उनका मालिकाना हक था। महेंद्र पाल ने बताया कि मुझे आज तक समझ नहीं आई कि किसके कहने पर उनकी इमारत को गिराया गया था। उन्होंने बताया के 40 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक बिल्डिंग गिराने का कोई भी आर्डर उन्हें नहीं दिखाया गया।
पत्रकार वार्ता में बैठे एडवोकेट अजातशत्रु ने बताया कि पीड़ित महेंद्र पाल ने नगर परिषद कठुआ के पूर्व सीईओ संतोष कोतवाल और सेनेटरी इंस्पेक्टर अंग्रेज पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कठुआ थाना में एक एप्लीकेशन दी थी लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। जिसके बाद महेंद्र पाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विभिन्न धाराओं के तहत एक आपराधिक शिकायत कोर्ट में फाइल की गई और कोर्ट ने इनकी शिकायत के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं। मामले की जांच के लिए कोर्ट ने कमेटी का गठन किया है और जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।