कानपुर : देश के एकमात्र शुगर संस्थान एनएसआई (राष्ट्रीय शर्करा संस्थान) ने पर्यावरण में सुधार को लेकर सीएसजेएमयू (छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय) के साथ समझौता किया है। अब दोनों संस्थान मिलकर पर्यावरण की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शोध कार्य करेंगे।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के मध्य विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ अकादमिक भवन में शुक्रवार को एमओयू साइन हुआ। सीएसजेएमयू के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी के अंतर्गत संचालित पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी विषय में लेटरल एंट्री के माध्यम से एनएसआई संस्थान के पीजी डीक्यूसीएस डिप्लोमा धारी छात्रों को एमएससी पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी द्वितीय वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। पर्यावरण के क्षेत्र में दोनों संस्थानों के मध्य यह एक सराहनीय प्रयास है।
एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेन्द्र मोहन ने चीनी उद्योगों में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रकार के शोध तथा तकनीकी के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया। कहा, पर्यावरण जागरूकता के लिए यह एक अनूठी पहल है। भविष्य में दोनों संस्थान इस विषय पर मिलकर शोध कार्य का आदान-प्रदान करेंगे, जो आगे आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज में पर्यावरण जागरूकता के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
एनएसआई की तरफ से कार्यक्रम में डॉ सुधांशु मोहन और डॉ अशोक गर्ग एवं अन्य लोग उपस्थित रहें। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने एवं कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी की कोऑर्डिनेटर डॉक्टर द्रौपदी यादव ने किया। इस दौरान प्रति कुलपति डॉक्टर सुधीर अवस्थी, प्रोफेसर रोली शर्मा, प्रोफेसर वर्षा गुप्ता, डॉक्टर शिल्पा कायस्थ, डॉ अनुराधा कालानी एवं सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहें।