जगदलपुर : बस्तर जिला मुख्यालय के निगम क्षेत्र में बिजली गुल होने की समस्या आम हो गई है। रोजाना तीन से चार बार बिजली गुल किए जाने के कारण उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हो रहे है, वही व्यापारियों को इसका सबसे ज्यादा खमियाजा उठाना पड़ रहा है।
भीषण गर्मी के बीच बिजली के अभाव में स्थानीय लोगों में नाराजगी व्याप्त है। बिजली वितरण कंपनी सिर्फ अपने लाभ के लिए कर्मचारियों की भर्ती करना तक उचित नही समझती है, और कम से कम मैदानी कर्मचारियों से अपना काम चलाना चाहती है। बिजली वितरण कंपनी की ध्वस्त हो चुके व्यवस्था पर प्रशासन भी मौन साधे बैठा है।
बस्तर जिला मुख्यालय के बिजली वितरण कंपनी का बुरा हाल है। बिजली वितरण कंपनी के कर्मचारी जिस भवन में बैठकर काम कर रहे हैं, उसकी जर्जर हालत, टूटे दरवाजे से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि बिजली वितरण कंपनी ने पूरी व्यवस्था को किस दुर्दशा में पहुंचा दिया है। यह कटु सत्य है कि बिजली वितरण कंपनी में कर्मचारियों की कमी से आम उपभोक्ता को घंटों बिजली गुल होने के बाद आने का इंतजार करना पड़ता है। रोजाना तीन से चार बार बिजली गुल होना आम बात हो गई है। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन मौन साधे बैठे हैं। प्रशासन को चाहिए कि बिजली वितरण कंपनी के ध्वस्त हो चुके व्यवस्था की समीक्षा कर आम लोगों को बिजली गुल से हो रही परेशानी से निजात दिलाएं।
जिला मुख्यालय के पावर हाउस स्थित कार्यालय बिजली वितरण कंपनी के लाचार एई प्रदीप सिंग कनवर से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने भी दबी जुबान में यह स्वीकार किया कि कर्मचारियों की कुछ कमी है।